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    Mutual Fund में करने जा रहे हैं निवेश तो रुक जाइए, पहले जोखिम का करें आकलन; जानें कौन-सा फंड सही?

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 04:54 PM (IST)

    आज हर कोई म्यूचुअल फंड को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहता है। म्यूचुअल फंड में आपको 12 से 14 फीसदी अनुमानित रिटर्न मिल जाता है। हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सोच रहे हैं तो पहले ये जांच लें कि आपके द्वारा चुने गए फंड में कितना रिस्क या जोखिम है।

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    म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले जोखिम का आकलन कैसे करें?

     नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड आज निवेशकों का पसंदीदा प्लेटफार्म बन चुका है। क्योंकि इसमें अच्छा खासा रिटर्न मिल जाता है। हालांकि ये रिटर्न बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे किसी भी फंड में निवेश करने से पहले ये देख लें कि इसमें कितना जोखिम है।

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    म्यूचुअल फंड से होने वाले जोखिम को आप कई तरह से जांच सकते हैं।

    जोखिम का कैसे लगाए पता?

    बेटा (Beta)

    अगर ये बेंचमार्क 1 से कम हो, तो आपके द्वारा चुना गया फंड कम जोखिम वाला है। वहीं अगर ये एक से ज्यादा हो तो इसे रिस्की माना जाता है।

    स्टैंडर्ड डेविएशन (Standard Deviation)

    जब हम किन्हीं दो फंड्स की तुलना करते हैं, उस समय स्टैंडर्ड डेविएशन देखा जाता है। इसका प्रतिशत जितना कम हो, फंड को उतना कम जोखिम वाला माना जाता है। मान लीजिए एक फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 5 फीसदी है और दूसरे का 10 फीसदी, तो पहला फंड कम जोखिम वाला होगा।

    शार्प रेश्यो (Sharpe Ratio)

    शार्प रेश्यो के जरिए आप म्यूचुअल फंड में जोखिम का आराम से पता लगा सकते हैं। अगर शार्प रेश्यो 1.00 से कम है, तो रिस्क कम होगा। अगर यहीं शार्प रेश्यो 1.00 से 1.99 के बीच है, तो रिस्क सामान्य रहेगा। ऐसे ही अगर शार्प रेश्यो 2.00 से 2.99 है, तो रिस्क काफी हाई रहेगा।

    अगर शार्प रेश्यो 3 से भी ज्यादा है, तो ऐसे फंड में रिस्क बहुत ज्यादा हाई रहता है।

    इन बातों का भी रखें ध्यान

    फंड का प्रदर्शन

    फंड लेते वक्त बस 1, 2 या 3 साल नहीं बल्कि अलग-अलग साल में मिलने वाले रिटर्न की तुलना करना जरूरी है। इससे आपको बता लगेगा कि फंड कितना रिटर्न देने की क्षमता रखता है। वहीं उसमें कितनी स्थिरता बनी हुई है।

    चार्जिस का ध्यान रखें

    म्यूचुअल फंड में अक्सर कई तरह के चार्जिस लगते हैं, जिनमें हम ध्यान नहीं देते। इन चार्जिस Expense Ratio, Exit load, Mangament fees इत्यादि शामिल हैं। आमतौर पर एग्जिट लोड जैसे चार्जिस कंपनी तब वसूलती है, जब कोई एक साल में ही निकासी कर देता है। इसलिए इन चार्जिस के बारे में अच्छे से जांच कर लें।

    फंड की तुलना करना

    आपको कभी भी अलग-अलग कैटेगरी के फंड की तुलना नहीं करनी चाहिए। इससे आपकी उलझन बढ़ सकती है। सामान्य फंड की तुलना चुनने के लिए एक सही विकल्प रहेगा।