SIP vs Step-up SIP किसमें है ज्यादा फायदा, आपके लिए क्या है बेहतर?
Step-up SIP vs SIP अगर आपने कभी किसी म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश किया है तो Step-up का ऑप्शन जरूर देखा होगा। इस ऑप्शन को देखकर हमेशा ये सवाल आता होगा कि Step-up का ऑप्शन आखिर क्यों दिया गया है। इसके साथ ही किसमें ज्यादा रिटर्न मिलेगा और क्या फायदेमंद है?

नई दिल्ली। म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे आसान तरीका एसआईपी है। लेकिन एसआईपी करते वक्त आपको कई ऑप्शन मिल जाते हैं। इन ऑप्शन में से Step-up SIP भी एक विकल्प है। अक्सर लोगों को Step-up का ऑप्शन देखकर कई उलझन रहती है। जैसे ये क्या है, इसके क्या फायदे है और क्या उनके लिए फायदेमंद है?
Step-up SIP क्या होता है?
Step-up SIP का अर्थ है कि आप अपने निवेश रकम में एक निश्चित समय पर तय अमाउंट बढ़ाते हैं। ये समय सीमा एक साल, एक महीना या कितनी भी हो सकती है। वहीं आप कितना अमाउंट बढ़ाना चाहते हैं, ये भी आप पर ही निर्भर करता है।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए कोई निवेशक Step-up ऑप्शन के जरिए ये तय करता है कि वे हर साल निवेश अमाउंट का 10 फीसदी बढ़ाएगा। इसका मतलब है कि अगर पहले साल में निवेश रकम 1 लाख रुपये हैं। तो दूसरे साल में ये निवेश रकम 1,10,000 रुपये होगी।
SIP vs Step-up SIP किसमें मिलता है ज्यादा रिटर्न?
स्टेपअप के जरिए एक निश्चित समय में आपकी निवेश रकम बढ़ती रहती है। इसलिए अगर निवेश रकम ज्यादा है, तो प्रॉफिट का हिस्सा भी ज्यादा मिलेगा।
टाटा एसेट मैनेजमेंट के हेड प्रोडक्ट शैली गेंग (Tata Assets Management, Head Product Shaily Gang) ने बताया कि मान लीजिए अगर कोई निवेशक 20 साल के लिए हर महीने 10,000 रुपये की एसआईपी करता है। वहीं दूसरा निवेशक 20 साल के लिए हर महीने 10,000 रुपये की एसआईपी के साथ हर साल 10% का Step-up भी करता है। अगर सामान्य रिटर्न 10 फीसदी भी है, तो Step-up करने वाले निवेशक को ज्यादा फायदा होगा क्योंकि निवेश रकम ज्यादा है।
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