8th Pay Commission: कर्मचारियों से ज्यादा पेंशनर्स को फायदा, कैसे डबल हो सकती है पेंशन? समझ लें कैलकुलेशन
8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग की चर्चा के बीच, पेंशनर्स की संख्या कर्मचारियों से अधिक होने के कारण पेंशन का मुद्दा महत्वपूर्ण है। सरकार ने आयोग के टर्म ऑफ रेफ्रेंस को मंजूरी दे दी है, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। फिटमेंट फैक्टर पेंशन बढ़ाने में अहम है। पेंशनर्स पेंशन, ग्रेच्युटी, और पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से पेंशन में वृद्धि हो सकती है, जिससे महंगाई राहत भी बढ़ेगी।

कर्मचारियों से ज्यादा पेंशनर्स को फायदा, कैसे डबल हो सकती है पेंशन? समझ लें कैलकुलेशन।
नई दिल्ली| 8th Pay Commission: आठवें वेतन आयोग की चर्चा शुरू होते ही सबका ध्यान सैलरी पर रहता है, लेकिन इस बार पेंशनर्स की संख्या कर्मचारियों से ज्यादा है, इसलिए उनका मुद्दा भी बड़ा हो गया है। सरकार के पेंशनर्स पोर्टल के मुताबिक, 30 अक्टूबर 2025 तक कुल 68.72 लाख पेंशनर्स हैं, जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या करीब 50 लाख है। सरकार ने 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफ्रेंस (Terms of Reference- TOR) को मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने की समय सीमा तय की गई है और सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (Ranjana Prakash Desai) को इसका चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। अब पेंशनर्स जानना चाहते हैं कि उनकी पेंशन कितनी बढ़ेगी? तो चलिए समझते हैं पूरा कैलकुलेशन।
फिटमेंट फैक्टर क्या है और पेंशन कितनी बढ़ेगी? what is fitment factor
पेंशन बढ़ाने में सबसे अहम रोल फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) का होता है। यह एक गुणक (Multiplier) होता है जिससे पुराने बेसिक वेतन या बेसिक पेंशन को नए वेतन में बदला जाता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। यानी अगर किसी की पुरानी बेसिक सैलरी 10,000 रुपए थी, तो नई सैलरी 10,000 × 2.57 = 25,700 रुपए होगी। आठवें वेतन आयोग में (8th Pay Commission) में फिटमेंट फैक्टर कितना होगा, यह कैबिनेट की मंजूरी के बाद तय होगा।
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क्या सिर्फ बेसिक पेंशन ही बदलेगी?
नहीं, पेंशनर्स के लिए सिर्फ बेसिक पेंशन ही मुद्दा नहीं है। टर्म ऑफ रेफ्रेंस में पेंशन से जुड़े कई पॉइंट शामिल हैं, जैसे—
- पेंशन, ग्रेच्युटी, फैमिली पेंशन, कम्यूटेड पेंशन की बहाली
- हर 5 साल में पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव
- ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) की बहाली (1 जनवरी 2004 के बाद भर्ती वालों के लिए)
- CGHS मेडिकल सुविधा, कैशलेस इलाज और महंगाई राहत (DA/DR) को वेतन और पेंशन में जोड़ना।
पेंशनर्स की प्रमुख मांगें क्या हैं?
ऑल इंडिया एनपीएस एंप्लॉई फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह पटेल बता ते हैं कि फिटमेंट फैक्टर जितना ज्यादा होगा, पेंशन उतनी ज्यादा बढ़ेगी। कम्यूटेशन 15 साल से घटाकर 12 साल होना चाहिए, क्योंकि अभी 40% पेंशन काटी जाती है। CGHS अस्पताल हर जिले में नहीं हैं। अभी सिर्फ 3,000 रुपए प्रति महीना मेडिकल लाभ मिलता है, इसे 20,000 रुपए किया जाए।
पेंशन कैसे बढ़ती है?
फिटमेंट फैक्टर के आधार पर पूरा कैलकुलेशन समझ लेते हैं। मान लीजिए एक शख्स की पुरानी बेसिक पे है- 40,000 रुपए, तो पुरानी पेंशन (50%) होगी यानी 20,000 रुपए।
| फिटमेंट फैक्टर | नई बेसिक पे | नई पेंशन (50%) |
| 2.57 | 40,000 × 2.57 = ₹1,02,800 | ₹51,400 |
| 3 | 40,000 × 3 = ₹1,20,000 | ₹60,000 |
| 3.68 | 40,000 × 3.68 = ₹1,47,200 | ₹73,600 |
₹25000 से ₹50000 पेंशन कैसे होगी?
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.0 माना जाए, तो ₹25,000 × 2 = 50,000 रुपए पेंशन हो सकती है।
महंगाई राहत कैसे बढ़ेगी? How will the dearness relief increase
DR बेसिक पेंशन का प्रतिशत होता है।
- पुरानी पेंशन ₹20,000 → DR 20% = ₹4,000
- नई पेंशन ₹30,000 → DR 20% = ₹6,000
यानी बेसिक पेंशन बढ़ने से DR अपने आप ज्यादा मिलेगा।
EPS, फैमिली पेंशन और Enhanced पेंशन में क्या होंगे बदलाव?
| पेंशन का प्रकार | क्या होता है? | नया असर |
| EPS | आखिरी बेसिक सैलरी पर आधारित | नई वेतन मैट्रिक्स लागू होगी तो EPS भी बढ़ेगी |
| फैमिली पेंशन | पेंशनर की मृत्यु के बाद पत्नी/परिवार को 30% बेसिक | बेसिक बढ़ेगा तो फैमिली पेंशन भी बढ़ेगी |
| Enhanced पेंशन | लंबी सेवा या कम्यूटेशन रिस्टोर होने पर | Fitment Factor ज्यादा होने पर ये भी बढ़ेगी |
पेंशन का प्रकार क्या होता है? नया असर
EPS आखिरी बेसिक सैलरी पर आधारित नई वेतन मैट्रिक्स लागू होगी तो EPS भी बढ़ेगी
फैमिली पेंशन पेंशनर की मृत्यु के बाद पत्नी/परिवार को 30% बेसिक बेसिक बढ़ेगा तो फैमिली पेंशन भी बढ़ेगी
Enhanced पेंशन लंबी सेवा या कम्यूटेशन रिस्टोर होने पर Fitment Factor ज्यादा होने पर ये भी बढ़ेगी
उदारणर में समझें तो-
- पुरानी फैमिली पेंशन: ₹20,000 → 30% = ₹6,000
- नई पेंशन: ₹30,000 → 30% = ₹9,000
टैक्स कितना बढ़ेगा?
| विवरण | पुरानी पेंशन | नई पेंशन |
| बेसिक पेंशन | ₹20,000/महीना | ₹50,000/महीना |
| सालाना रकम | ₹2,40,000 | ₹6,00,000 |
| DA/DR | ₹72,000 | ₹1,80,000 |
| कुल टैक्सेबल | ₹3,12,000 | ₹7,80,000 |
| टैक्स देय | ₹600 | ₹66,000 |

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