लेना चाहते हैं कार ? घर के खर्चों के साथ पूरी होगी Car Loan की EMI, जानें क्या है 20/10/4 का नियम?
कार लेना हर किसी का सपना होता है। ये समझने में हमेशा मुश्किल रहती है कि सैलरी के हिसाब से कौन-सी कार सही रहेगी। वहीं कितनी ईएमआई डाउन पेमेंट और लोन लेना चाहिए। आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि कार लोन लेते वक्त आप 20/10/4 का नियम कैसे अप्लाई कर सकते हैं।

नई दिल्ली। आज हर कोई लंबा सफर अपनी कार में ही करना चाहता है। कार में आपको हर तरह की सहूलियत मिलती है, जो आपको पब्लिक यातायात साधन पर नहीं मिलती। अगर आप 22 सितंबर के बाद कार लेने का प्लान बना रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए हैं।
आज हम जानेंगे कि सैलरी के हिसाब से आपके बजट पर कौन-सी कार आ सकती है। वहीं कितनी ईएमआई, डाउन पेमेंट और ईएमआई लेना चाहिए। इन सभी के बारे में भी विस्तार से बात करेंगे।
क्या है 20/10/4 का नियम?
ये नियम आपको तब मदद करता है, जब आप कार लोन के जरिए फोर व्हीलर खरीदना चाहे। इसके साथ ही आपको बताता है कि सैलरी के अनुसार आपकी लोन रकम, डाउन पेमेंट और ईएमआई कितनी होनी चाहिए?
- 20- कार लोन की डाउन पेमेंट
- 10- सैलरी के अनुसार 10 फीसदी EMI
- 4- लोन अवधि का समय 4 साल
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इस नियम में 20 का अर्थ है कि आपको कुल कार अमाउंट का 20 फीसदी डाउनपेमेंट पर देना चाहिए। ऐसे ही 10 का मतलब है कि कार लोन की ईएमआई महीने की सैलरी का 10 फीसदी होना चाहिए। इसके साथ ही आपको कार लोन 4 साल के लिए लेना चाहिए।
हालांकि लोन रकम, ईएमआई और अवधि हर व्यक्ति के खर्चे, अन्य लोन, क्रेडिट स्कोर इत्यादि पर निर्भर करती है।
Car Loan लेते वक्त किन बातों का रखें ध्यान
ब्याज दर- कार लोन लेने से पहले सभी बैंकों की ब्याज दर की तुलना जरूर करें। ये ध्यान रखें कि जितनी कम आपका ब्याज दर होगा, आपका ईएमआई भी उतना ही कम होगा।
अच्छा क्रेडिट स्कोर- कम ब्याज पर लोन लेने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर होना जरूरी है। क्रेडिट स्कोर के जरिए बैंक व्यक्ति की भुगतान क्षमता देखता है। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर से आपके ब्याज कम होने की उम्मीद बढ़ जाती है।
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