बढ़ी फीस, घटे रिवॉर्ड्स और गुपचुप बदले बैंकों के नियम; कितना फायदेमंद रह गया आपका क्रेडिट कार्ड? समझें एक-एक डिटेल
credit card benefits and loss: क्रेडिट कार्ड को कभी सुविधा का प्रतीक माना जाता था, पर बैंकों ने चुपचाप नियम बदल दिए हैं। अब ज्यादा फीस और कम रिवॉर्ड्स मिल रहे हैं। मुफ्त लाउंज एक्सेस के लिए ज्यादा खर्च करना होगा। यह देखना जरूरी है कि क्या आपका कार्ड अभी भी फायदेमंद है। कार्ड की वैल्यू चेक करें और खर्च के अनुसार सही कार्ड चुनें।
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बढ़ी फीस, घटे रिवॉर्ड्स और गुपचुप बदले बैंकों के नियम... कितना फायदेमंद रह गया आपका क्रेडिट कार्ड?
नई दिल्ली| credit card benefits and loss: कभी क्रेडिट कार्ड को सुविधा और फायदे का जरिया माना जाता था। पेमेंट को आसान बनाना, रिवार्ड्स कमाना और क्रेडिट हिस्ट्री बनाना, लेकिन पिछले एक साल में बैंकों ने कई नियम चुपचाप बदल दिए हैं। अब फीस ज्यादा, फायदे कम और लिमिट्स सख्त हो गई हैं। जो कार्ड कभी "प्रीमियम" कहलाता था, वो अब शायद उतना फायदेमंद न रह गया है। अगर आप क्रेडिट कार्ड (Credit Card Daily Uses) का इस्तेमाल रोजाना करते हैं, तो अब वक्त है यह देखने का कि क्या वो अब भी आपके काम का है या नहीं?
पिछले 12 महीनों में क्या बदला?
पिछले 12 महीनों में बैंकों ने कई नियमों में बदलाव कर दिए। वो भी बिना किसी प्रचार-प्रसार के। जैसे कि-
- अब मुफ्त लाउंज एक्सेस के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ता है।
- ग्रॉसरी, बिल पेमेंट और इंश्योरेंस पर मिलने वाले रिवार्ड्स को लिमिट कर दिया गया है।
- कुछ प्रीमियम कार्ड्स पर एयर एक्सीडेंट कवर घटाया या हटा दिया गया है।
- कई कार्ड्स की मिनिमम पेमेंट अमाउंट भी बढ़ा दी गई है, जिससे देर से पेमेंट पर ज्यादा पेनाल्टी लग सकती है।
यानी इसका मतलब है कि आप जितना कार्ड के लिए भुगतान करते हैं और जितना उससे फायदा पाते हैं, अब उसका संतुलन बदल गया है।
क्या खर्च के मुताबिक मिल रहा फायदा? credit card benefits
अगर आप हर महीने बहुत कम खर्च करते हैं, तो लाउंज एक्सेस या फ्री इंश्योरेंस जैसे फायदे शायद अब आपके लिए मुफ्त न रहें। अगर आप रिवॉर्ड पॉइंट्स का इस्तेमाल ही नहीं करते, तो असल में आप उन सुविधाओं के लिए पैसे दे रहे हैं जिन्हें आप यूज नहीं करते। महंगे प्रीमियम कार्ड का फायदा तभी है जब उसके रिवार्ड्स और बेनिफिट्स उसकी सालाना फीस से ज्यादा हों, वरना कार्ड बदलने का वक्त आ गया है।
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अपने कार्ड की वैल्यू कैसे चेक करें? how to check credit card value
- एक साल में आपने जो फायदे लिए, जैसे कि- लाउंज एक्सेस, कैशबैक, रिवार्ड्स, इंश्योरेंस, सबका कुल जोड़ लें।
- अब उसमें से सालाना फीस, लेट फीस और विदेशी ट्रांजेक्शन चार्ज काट दें।
- जो बचा, वही आपके कार्ड की असली वैल्यू है।
- अगर आपका खर्च ग्रॉसरी और बिल पर है, लेकिन कार्ड ट्रैवल या डाइनिंग पर ज्यादा रिवॉर्ड देता है, तो वह आपके लिए सही फिट नहीं है।
अपग्रेड, डाउनग्रेड या स्विच कब करें? When to upgrade, downgrade, or switch?
अगर आप ज़्यादा खर्च करते हैं और बैंक के नए टारगेट आसानी से पूरे कर लेते हैं, तो प्रीमियम कार्ड में अपग्रेड करें। लेकिन अगर फायदे घट गए हैं और फीस वही है, तो बेसिक कार्ड बेहतर रहेगा। या फिर ऐसा कार्ड लें जो आपके असली खर्च के हिसाब से रिवार्ड देता हो।
स्विच या डाउनग्रेड कैसे करें? How to switch or downgrade credit card?
- अपने बैंक को कॉल करें और 'कार्ड माइग्रेशन' या 'वेरिएंट माइग्रेशन' की रिक्वेस्ट करें।
- बदलने से पहले सभी बकाया क्लियर करें और रिवॉर्ड पॉइंट्स रिडीम कर लें।
- ध्यान रखें कि नई लिमिट कम न हो, वरना आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो बढ़ जाएगा।
- नए कार्ड की शर्तें ध्यान से पढ़ें ताकि कोई सरप्राइज न मिले।
बदलने से पहले क्या करें? What to do before changing your credit card?
- अगर आप कार्ड बदलने का सोच रहे हैं, तो तब तक मौजूदा कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करें।
- खर्च 30% लिमिट से नीचे रखें।
- बिल पूरे और समय पर चुकाएं।
- लाउंज एक्सेस जैसे फायदे एक्सपायर होने से पहले इस्तेमाल करें।
- और बड़े खर्च उन्हीं कैटेगरी में करें जहां रिवॉर्ड ज्यादा मिलते हैं।
तो क्या क्रेडिट हिस्ट्री पर भी पड़ता है असर? does it also affect credit history?
जी हां। कार्ड बदलने या बंद करने से आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर असर हो सकता है। पुराना कार्ड बंद करने से आपकी औसत क्रेडिट एज घट जाती है, जिससे स्कोर थोड़ा गिर सकता है। लिमिट कम होने से यूटिलाइजेशन रेशियो बढ़ जाता है। नया कार्ड लेने पर बैंक की 'हार्ड इंक्वायरी' होती है, जिससे स्कोर अस्थायी रूप से घट सकता है। हालांकि ये असर लंबे समय तक नहीं रहता, लेकिन फैसला सोच-समझकर लेना चाहिए।
क्रेडिट कार्ड का मकसद आपके खर्च को संभालना है, न कि उसे बढ़ाना। अगर बदले हुए नियमों और बढ़ी फीस के बाद आपका कार्ड अब फायदा नहीं दे रहा-तो उसे बदलने या डाउनग्रेड करने में ही समझदारी है।
लेखक- आदिल शेट्टी, CEO, BankBazaar.com
("पर्सनल फाइनेंस से जुड़े अपने सवाल आप हमें business@jagrannewmedia.com पर भेज सकते हैं।")

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