Emergency पड़ने पर नहीं होगी पैसों की कमी,क्या है 67: 33 सेविंग फॉर्मूला; कैसे करें इस्तेमाल?
इस महंगाई में इमरजेंसी के लिए फंड बनाना ज़रूरी है। सैलरी को 6733 के अनुपात में बांटें। 33% बचत में डालें जिसे इमरजेंसी फंड के लिए इस्तेमाल करें। बाकी 67% से ज़रूरी खर्चे पूरे करें। जैसे अगर आपकी सैलरी 30 हज़ार है तो 9900 रुपये बचाएं। इमरजेंसी फंड में 3 से 6 महीने के खर्च जितना पैसा रखें ताकि मुश्किल समय में काम आए।

नई दिल्ली। इस महंगाई के जमाने में इमरजेंसी के लिए फंड तैयार रखना बेहद जरूरी है। इमरजेंसी कभी भी बताकर नहीं आती। अगर आपको भी सैलरी मैनेज करने में परेशानी आती है। समझ नहीं आता है कि कैसे सैलरी से इमरजेंसी के लिए फंड जमा करें, तो ये आर्टिकल हमारे लिए बड़े काम का होने वाला है।
इमरजेंसी के लिए कैसे जोड़े फंड
आप इमरजेंसी फंड जोड़ने के लिए 67:33 फॉर्मूला का इस्तेमाल कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि इसका उपयोग कैसे होता है। इस फॉर्मूला का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपनी सैलरी दो हिस्सों में बांटनी होगी. इस फॉर्मूले के अनुसार सैलरी का 33 फीसदी हिस्सा सेविंग के लिए इस्तेमाल करना होगा. इस सेविंग को आप इमरजेंसी फंड के लिए रख सकते हैं।
बाकी का बचा 67 फीसदी पैसा जरूरी खर्चों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
उदाहरण से समझें गुणा-गणित
मान लीजिए आपकी हर महीने सैलरी 30 हजार रुपये है। तो 33 फीसदी के हिसाब से आपको 9900 रुपये बचाने होंगे। बाकी के बचे 20,100 रुपये आप जरूरी खर्चों और मनपसंद खर्च के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप इस इमरजेंसी फंड का अमाउंट कहीं निवेश भी करना चाहते हैं, तो इसे ऐसी जगह निवेश करें कि जरूरत पड़ने पर निकाल सकेंगे।
कितना जुटाएं इमरजेंसी फंड?
माना जाता है कि 3 से 6 महीने जितने खर्चे का पैसा इमरजेंसी फंड के रूप में हमारे पास होना चाहिए। ताकि वित्तीय परेशानी आने पर किसी भी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। अगर आपका महीने होने वाला जरूरी खर्च 20 हजार रुपये हैं, तो इस हिसाब से 60 हजार से लेकर 1 लाख 20 हजार रुपये तक बचाने होंगे।
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