ITR Date Extension: अगर लेट फाइल किया आईटीआर तो Refund मिलता है या नहीं? सोचते रह जाएंगे - 'काश समय से भरा होता टैक्स'
अगर आपने अब तक आईटीआर फाइल नहीं किया तो आज 16 सितंबर को इसके लिए लास्ट दिन है। जो लोग लेट रिटर्न फाइल (ITR Date Extension 2025) करते हैं उनके लिए रिफंड का नियम अलग है। उन्हें रिफंड मिलता तो है मगर उन लोगों के बाद जिन्होंने समय से टैक्स रिटर्न फाइल किया है। इसलिए जल्दी रिफंड पाने के लिए समय से आईटीआर भरना जरूरी है।

नई दिल्ली। सरकार ने अंतिम मिनटों में आईटीआर फाइल (ITR Date Extension 2025) नहीं कर पाए टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए आईटीआर फाइलिंग की डेट बढ़ा (ITR Filing Date Extended) दी है। सरकार ने टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख को 15 सितंबर से बढ़ाकर 16 सितंबर कर दिया।
ये फैसला टैक्सपेयर्स के सामने रिटर्न फाइल करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए लिया गया। जिन लोगों ने अब तक टैक्स नहीं भरा, उनके पास बिना जुर्माने और ब्याज के आज 16 सितंबर तक का मौका है। हालांकि जुर्माने और ब्याज के साथ लेट आईटीआर फाइल किया जा सकता है। पर उस कंडीशन में रिफंड (ITR Refund) का क्या नियम है? आइए बताते हैं।
पहले जानिए कितना लगेगा जुर्माना
यदि कोई टैक्सपेयर लास्ट डेट तक अपना आईटीआर फाइल नहीं करता, तो वो लेट रिटर्न फाइल कर सकता है। चालू वित्त वर्ष के लिए, लेट रिटर्न 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है। मगर इसके लिए जुर्माना देना होगा। आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत, देरी से रिटर्न दाखिल करने वालों को यदि कुल आय 5 लाख रुपये तक है, तो जुर्माना 1,000 रुपये और 5 लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए, जुर्माना 5,000 रुपये तक है।
इसके अलावा, यदि कोई टैक्स दिया जाना है, तो आपको भुगतान में देरी के लिए ब्याज भी देना होगा। यदि आपसे डेडलाइन मिस हो गई, तो आयकर अधिनियम की धारा 234A, रिटर्न दाखिल होने तक बकाया राशि पर 1 प्रतिशत प्रति माह का साधारण ब्याज देना होगा।
रिफंड के लिए क्या है नियम
सबसे अहम सवाल है रिफंड का। लेट आईटीआर फाइल करने में एक और दिक्कत रिफंड में देरी की है। जो लोग रिफंड के हकदार होंगे, उन्हें समय पर फाइल करने वालों की तुलना में टैक्स रिफंड देर से मिलेगा। यानी रिफंड मिलेगा तो सही, पर देर से।
और क्या-क्या हैं नुकसान
अगर रिटर्न देर से दाखिल किया जाता है, तो संभव है कि आपको कुछ कटौती या छूट न मिले। टैक्सपेयर्स को आखिरी तारीख के बाद पुरानी और नई टैक्स रिजीम के बीच स्विच करने की सुविधा भी नहीं मिल पाती है। इन सभी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि समय से आईटीआर फाइल किया जाए।
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