SIP या फिर लमसम, म्यूचुअल फंड में कौन देता है ज्यादा रिटर्न? पांच पॉइंट में समझें पूरा कैलकुलेशन
म्यूचुअल फंड में निवेश के दो रास्ते हैं पहला- SIP और दूसरा लमसम (SIP vs lump sum)। एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान जिसमें हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा होती है। वहीं Lump Sum में एक साथ बड़ी रकम का निवेश होता है। अब सवाल है कि आखिर दोनों में बेहतर क्या है? किसमें ज्यादा रिटर्न मिलता और जोखिम किसमें कम है?

नई दिल्ली| SIP vs lump sum : म्यूचुअल फंड में निवेश के दो रास्ते हैं, पहला- SIP और दूसरा लमसम। एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, जिसमें हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा होती है। वहीं Lump Sum में एक साथ बड़ी रकम का निवेश होता है। अब सवाल है कि आखिर दोनों में बेहतर क्या है? किसमें ज्यादा रिटर्न मिलता और जोखिम किसमें कम है? तो चलिए सिर्फ पांच पॉइंट में समझते हैं।
1. क्या SIP और Lump Sum आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग बदल सकते हैं?
म्यूचुअल फंड (mutual fund comparison) में SIP और Lump Sum सिर्फ निवेश के तरीके हैं। लेकिन ये फाइनेंशियल प्लानिंग को प्रभावित करते हैं। SIP नियमित निवेश को बढ़ावा देती है, जो अनुशासित बचत बनाता है। Lump Sum बड़े निवेश के लिए उपयुक्त है, लेकिन इसमें मार्केट टाइमिंग का जोखिम बढ़ता है। आपकी जोखिम सहनशक्ति और लक्ष्यों के आधार पर ये तरीके आपकी रणनीति को आकार देते हैं।
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2. अगर आपके पास एक लाख रुपए हैं तो कौन सा तरीका ज्यादा फायदेमंद?
एक्सपर्स्ट का मानना है कि एक लाख रुपए के लिए लमसम (Lump Sum) बेहतर हो सकता है। वो भी तब, जब मार्केट कम मूल्यांकन पर हो, क्योंकि एकमुश्त निवेश से तुरंत रिटर्न शुरू होता है। SIP जोखिम को कम करता है, लेकिन रिटर्न में समय लगता है। डेटा दिखाता है कि 10 साल में लमसम अक्सर SIP से बेहतर रिटर्न देता है, अगर सही समय पर निवेश किया गया है तो।
लमसम कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 1,00,000 रुपए
- समय सीमा- 10 साल
- न्यूनतम रिटर्न- 12 फीसदी
- अनुमानित रिटर्न- 3,10,585 रुपए
कैलकुलेशन के दौरान हमने रिटर्न 12 प्रतिशत माना है। ये रिटर्न शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के हिसाब से कम ज्यादा भी हो सकता है। इसमें निवेश अवधि 10 साल मानी गई है। अगर कोई म्यूचुअल फंड लमसम में 10 साल के लिए 1 लाख रुपए रखता है, तो उसे सालाना चक्रवृद्धि ब्याज के साथ मैच्योरिटी पर 3,10,585 रुपए मिलेंगे।
एसआईपी कैलकुलेशन
- निवेश रकम- 1000 रुपए
- समय सीमा- 120 महीने (10 साल)
- न्यूनतम रिटर्न- 12 फीसदी
- अनुमानित रिटर्न- 2,32,339 रुपए
हमने यहां एसआईपी के लिए निवेश रकम प्रतिमाह 1000 रुपए माना है। 1000 x 12= 12000, यानी 10 साल में आपके 1,20,000 रुपए जमा होंगे। चक्रवृद्धि ब्याज और 12 प्रतिशत के रिटर्न के मुताबिक 10 साल बाद मैच्योरिटी पर आपको 2,32,339 लाख रुपए मिलेंगे।
3. मार्केट में उतार-चढ़ाव SIP के लिए वरदान है या Lump Sum के लिए खतरा?
मार्केट में उतार-चढ़ाव SIP के लिए वरदान है, क्योंकि यह लागत औसतन (Rupee Cost Averaging) की सुविधा देता है, जिससे कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स मिलते हैं। Lump Sum के लिए यह खतरा हो सकता है, क्योंकि गलत समय पर निवेश से भारी नुकसान हो सकता है। डेटा के अनुसार, SIP अस्थिर मार्केट में 15-20% तक जोखिम कम करता है।
4. क्या लंबी अवधि में SIP हमेशा लमसम से जीतता है या ये सिर्फ एक मिथ है?
यह एक मिथ है। लंबी अवधि जैसे 10 से 15 साल में लमसम अक्सर SIP से बेहतर रिटर्न देता है, अगर निवेश सही समय पर हो। क्योंकि, पूंजी ज्यादा समय तक मार्केट में रहती है। उदाहरण के तौर पर देखें तो BSE सेंसेक्स पर 10 साल का Lump Sum रिटर्न औसतन 12-14% रहा, जबकि SIP का 10-12 फीसदी ही रहा। हालांकि, SIP जोखिम कम करता है।
5. अगर आपके पास हर महीने बचत होती है, तो क्या Lump Sum लिए सही विकल्प हो सकता है?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि हर महीने बचत होने पर SIP ज्यादा उपयुक्त है। क्योंकि यह नियमित निवेश को बढ़ावा देता है और मार्केट जोखिम को औसतन कम करता है। लमसम तभी सही है, जब आपके पास अतिरिक्त बड़ा फंड हो और मार्केट मूल्यांकन कम हो। डेटा दिखाता है कि SIP में 5-10 साल में 10-12% CAGR मिलता है, जो अनुशासित निवेशकों के लिए बेहतर है।
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