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    90 लाख डॉलर की कथित टैक्स चोरी, घेरे में अदाणी ग्रुप की डिफेंस कंपनी, मिसाइल पार्ट्स के आयात से जुड़ा है मामला

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 03:15 PM (IST)

    रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी जांच एजेंसी मिसाइल बनाने में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर इंपोर्ट ड्यूटी चोरी के आरोप को लेकर अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोल़जीज की जांच कर रहे हैं। दरअसल कुछ मिसाइल घटकों के आयात में 77 करोड़ रुपये के टैरिफ की चोरी की थी। यह चोरी गलत तरीके से यह दावा करके की गई थी कि ये मिसाइलें सीमा शुल्क और कर से मुक्त हैं।

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    सरकारी जांच एजेंसी अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोल़जीज को लेकर टैक्स चोरी की जांच कर रही है।

    नई दिल्ली। अदाणी ग्रुप (Adani Group) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अधिकारी मिसाइल बनाने में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर इंपोर्ट ड्यूटी चोरी के आरोप को लेकर अदाणी एंटरप्राइजेज की डिफेंस यूनिट, अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोल़जीज की जांच कर रहे हैं। इस मामले की सीधे जानकारी रखने वाले दो सरकारी सूत्रों ने यह बताया है। यह अदाणी समूह के खिलाफ नई नियामक जांच का संकेत है।

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    अदानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज (Adani Defence Systems), मुख्यतः भारतीय सेना व सुरक्षाबलों के लिए मिसाइल, ड्रोन और छोटे हथियार जैसे डिफेंस प्रोडक्ट्स बनाती है। भारत के डायरेक्टरेट रेवेन्यू ऑफ डिफेंस इंटेलीजेंस ने मार्च में अदाणी डिफेंस की जांच शुरू की थी, क्योंकि उसने कुछ मिसाइल घटकों के आयात में 77 करोड़ रुपये (90 लाख डॉलर) के टैरिफ की चोरी की थी। यह चोरी गलत तरीके से यह दावा करके की गई थी कि ये मिसाइलें सीमा शुल्क और कर से मुक्त हैं।

    90 लाख डॉलर की कथित चोरी

    कथित कर चोरी की राशि 90 लाख डॉलर है। यह रकम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अदाणी डिफेंस के 2024-25 के 7.6 करोड़ डॉलर के राजस्व का 10% से ज़्यादा और उसके लाभ के आधे से भी ज़्यादा है। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि जांच के दौरान अदाणी के अधिकारियों ने आयातित पुर्जों के गलत वर्गीकरण की बात स्वीकार की, लेकिन विस्तार से नहीं बताया।

    अदाणी समूह ने क्या कहा?

    दो सरकारी सूत्रों और रॉयटर्स ने इस मामले की जानकारी देने वाले एक दस्तावेज़ को खंगाला और इसके अनुसार, अदाणी समूह ने एक बयान में कहा कि निदेशालय ने कस्टम ड्यूटी नियमों की अपनी व्याख्या के आधार पर उसके आयातों पर "स्पष्टीकरण मांगा" था और सहायक दस्तावेजों के साथ इस पर सफाई दी गई है।"

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    अदाणी ग्रुप के एक प्रवक्ता ने कहा, "यह मामला हमारी ओर से बंद कर दिया गया है।" उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कंपनी ने मामले को निपटाने के लिए कोई भुगतान किया है या नहीं। हालांकि, इस मामले में सूत्रों के दावे के बारे में रॉयटर्स के सवालों पर अदाणी समूह ने कोई टिप्पणी नहीं की।