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    Penny Stock Scam: ED के रडार पर 50 से अधिक लोग और कंपनियां, मनी लॉन्ड्रिंग का शक; कैसे हुई गड़बड़?

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 12:01 PM (IST)

    पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) में हेराफेरी के मामले में 50 से अधिक व्यक्ति और कंपनियां ईडी की जांच के घेरे में हैं। इन कंपनियों पर शेयरों की कीमतों में हेराफेरी करके मनी लॉन्ड्रिंग करने का शक है। ईडी ने कई लोगों को नोटिस जारी कर उनकी वित्तीय जानकारी मांगी है। पीएमएलए के तहत, अवैध प्रॉफिट कमाने पर ईडी संपत्ति और बैंक खातों को जब्त कर सकती है।

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    पेनी स्टॉक में हेराफेरी को लेकर ईडी ने शुरू की जांच

    नई दिल्ली। हर कुछ वर्षों में पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) अधिकारियों की नजर में आ जाते हैं। हर बार नई लिस्ट सामने आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनमें कुछ न कुछ घपलेबाजी का खुलासा होता रहता है। इस बार 50 से अधिक व्यक्ति और कंपनियां (पेनी स्टॉक) शेयरों की कीमतों में हेराफेरी करके मनी लॉन्ड्रिंग के शक में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के घेरे में हैं।
    पेनी स्टॉक्स अक्सर बहुत छोटी कंपनियों द्वारा जारी किए जाने वाले कम कीमत वाले अस्थिर शेयर होते हैं। अपनी अस्थिरता के कारण ही इनकी जांच होती है।

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    एक कंपनी के शेयर प्राइस में हेरफेर का अनुमान

    सेंट्रल एजेंसी ईडी, जो धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का एडमिनिस्ट्रेशन करती है, ने पिछले एक पखवाड़े में कई लोगों को नोटिस जारी कर अपनी फाइनेंशियल डिटेल्स का खुलासा करने को कहा है। हर नोटिस में एक कंपनी का उल्लेख है जिसके शेयर प्राइस में हेरफेर होने का अनुमान है।
    जिसको भी ये नोटिस मिला है, उसे उस कंपनी के साथ अपने संबंधों की डिटेल स्पष्ट करनी होगी। ये नोटिस पीएमएलए की धारा 50 (2) के तहत जारी किए गए हैं, जो निदेशालय को किसी व्यक्ति को जाँच के दौरान साक्ष्य देने और कोई भी दस्तावेज पेश करने के लिए बुलाने का अधिकार देते हैं।

    कब लागू होता है ये कानून

    किसी मामले की आपराधिक गतिविधि के आधार पर जाँच शुरू करने के लिए पीएमएलए का प्रयोग किया जाता है। यह सख्त कानून तब लागू किया जा सकता है जब शेयर बाजार में हेरफेर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के तहत एक अपराध बन जाए।
    यदि पीएमएलए के तहत अवैध प्रॉफिट या 'अपराध की आय' कमाई जाती है, तो ईडी जाँच कर सकता है और संपत्तियों और बैंक खातों को कुर्क व जब्त कर सकता है।

    क्या-क्या डिटेल देनी होगी

    जिन व्यक्तियों और संस्थाओं की जाँच की जा रही है, उन्हें पैन, आधार और पासपोर्ट की कॉपी के अलावा, उनसे जुड़े बैंक खातों की लिस्ट, उन कंपनियों और साझेदारियों की डिटेल भी देनी होगी, जहां वे डायरेक्टर, साझेदार और शेयरधारक हैं या रहे हैं।
    उन्हें अपने नाम पर रजिस्टर्ड सभी चल और अचल संपत्तियों की डिटेल भी देने को कहा गया है, जिसमें संपत्ति खरीद समझौतों के साथ-साथ हर संपत्ति को प्राप्त करने के लिए उपयोग किए गए फंड के स्रोत की डिटेल भी शामिल है।

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    (डिस्क्लेमर: यहां शेयरों की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। जागरण बिजनेस निवेश की सलाह नहीं दे रहा है। स्टॉक मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, इसलिए निवेश करने से पहले किसी सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर से परामर्श जरूर करें।)

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