नहीं घटी ब्याज दर तो बुरी तरह गिरे ये शेयर, टैरिफ से जुड़ी चिंता के बीच इन कंपनियों को RBI से थी बड़ी उम्मीद
RBI Policy Sensitive Shares रिजर्व बैंक ने मॉनेटरी पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की। इसके बाद आरबीआई पॉलिसी से बड़ी उम्मीद रखने वाले बैंकिंग नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल रियल्टी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में गिरावट आ गई खासतौर रियल्टी शेयर ज्यादा टूटे और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 2 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गया।

नई दिल्ली। यूएस टैरिफ से जूझ रहे शेयर बाजार के लिए आरबीआई पॉलिसी बड़ी उम्मीद की किरण थी, लेकिन रिजर्व बैंक ने इस पॉलिसी में ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की। इसके चलते कुछ चुनिंदा सेक्टर के शेयरों में बिकवाली देखने को मिली है। खासतौर पर, आरबीआई पॉलिसी से बड़ी उम्मीद रखने वाले बैंकिंग, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल, रियल्टी और ऑटो सेक्टर के शेयरों में सुस्ती के साथ कारोबार हो रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनेटरी पॉलिसी में 6 अगस्त को अपने "न्यूट्रल" रुख को बरकरार रखते हुए ब्याज दरों को 5.5 प्रतिशत की दर पर अपरिवर्तित रखा है। इससे पहले लगातार 3 बार आरबीआई ने रेपो रेट घटाई थी।
पॉलिसी आते ही मार्केट और स्टॉक्स में गिरावट
आरबीआई के मॉनेटरी पॉलिसी ऐलान के बाद बैंक निफ्टी में मामूली गिरावट आई। निफ्टी ऑटो एक फीसदी तो निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ढाई फीसदी से ज्यादा टूट गया है। हालांकि, निफ्टी बैंक 0.22 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
सबसे ज्यादा टूटे रियल्टी शेयर
निफ्टी रियल्टी में सबसे ज्यादा गिरावट डीएलएफ और प्रेस्टीज एस्टेट के शेयरों में देखने को मिल रही है, जो 3 फीसदी तक टूट गए हैं। वहीं, गोदरेज प्रॉपर्टीज, लोढ़ा डेवलपर और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज के शेयर भी 2 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहे हैं।
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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि विश्लेषकों की उम्मीदों के अनुरूप, वित्त वर्ष 2026 की अंतिम तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी होने की संभावना है, हालांकि, मुख्य मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के स्तर पर स्थिर रहने की संभावना है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के अधिकांश समय के लिए अपने सीपीआई मुद्रास्फीति अनुमानों को कम कर दिया है।
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