IT शेयरों में कमजोरी के बीच गिरावट में बंद हुआ शेयर बाजार, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
आज शेयर बाजार में निफ्टी कमजोर रहा जिसका मुख्य कारण साप्ताहिक डेरिवेटिव्स एक्सपायरी और नए ट्रिगर्स की कमी थी। टीसीएस के नतीजों और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर निवेशकों की नजर बनी हुई है। निफ्टी आईटी और पीएसयू बैंक इंडेक्स में गिरावट आई जबकि निफ्टी रियल्टी में बढ़त देखी गई। विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण आईटी क्षेत्र की कमाई धीमी रह सकती है।

नई दिल्ली। निफ्टी ने लगातार 10 जुलाई को भी गिरावट का सिलसिला जारी रखा, जो साप्ताहिक डेरिवेटिव्स एक्सपायरी की सामान्य अस्थिरता के कारण कमजोर रहा। Share Market Today में इस सुस्ती भरे माहौल में नए ट्रिगर्स की कमी भी झलक रही थी, क्योंकि निवेशक टीसीएस के नतीजों (TCS Result) के साथ जून तिमाही के आय सत्र की शुरुआत का इंतजार कर रहे थे और लंबे समय से लंबित भारत-अमेरिका व्यापार (US India Trade Deal) समझौते पर नजर रखे हुए थे।
अंत में सेंसेक्स 345.80 अंक या 0.41 फीसदी की गिरावट के साथ 83,190.28 पर और निफ्टी 120.85 अंक या 0.47 फीसदी की गिरावट के साथ 25,355.25 पर बंद हुआ।
सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी आईटी सबसे बड़ी गिरावट के रूप में उभरा। जिसमें इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस और टेक महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियाँ गिरावट में दिखीं।
निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स भी सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले इंडेक्स में से एक रहा, जिसमें 0.77 फीसदी की गिरावट आई। इसके बाद निफ्टी आईटी और निफ्टी फार्मा इंडेक्स क्रमशः 0.82 फीसदी और 0.59 फीसदी गिरे। निफ्टी बैंक और निफ्टी एफएमसीजी भी क्रमशः 0.41 फीसदी और 0.55 फीसदी लुढ़के। व्यापक मोर्चे पर, निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 इंडेक्स क्रमशः 0.29 फीसदी और 0.28 फीसदी गिरे।
बढ़त वाले शेयरों में निफ्टी रियल्टी सबसे आगे रहा और इसमें 0.70 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई, जबकि निफ्टी मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में क्रमशः 0.41 फीसदी और 0.16 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई। इंडिया VIX में 2 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ 11.68 पर आने से अस्थिरता कम रही।
आज की गिरावट पर क्या हैं एक्सपर्ट की राय
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर के मुताबिक टीसीएस के पहली तिमाही के नतीजों से पहले आईटी शेयरों में कमजोरी के चलते भारतीय शेयर बाजार दिन के अंत में गिरावट के साथ बंद हुए। आईटी और वित्त क्षेत्र से इस सीजन की शुरुआत सुस्त रहने की आशंका के चलते पहली तिमाही के नतीजों से पहले निवेशकों का रुझान सतर्क बना हुआ है।
हालाँकि, आईटी शेयरों में हालिया इस सुस्त भरे मौहाल में काफी हद तक योगदान देता है, जिससे आगे की चिंताएँ सीमित हो गई हैं। इस बीच, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में निगेटिव रहा, जो लार्ज-कैप की तुलना में बेहतर आय की बढ़ती उम्मीद के बीच प्रतीक्षा और निगरानी की रणनीति को दिखाता है।
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