Tax Rule Change: आज से बदलेंगे शेयर मार्केट और टैक्स से जुड़े नियम, जेब पर पड़ेगा सीधा असर
इंट्रोएक अक्टूबर यानी आज से स्वास्थ्य बीमा खुदरा लोन शेयर बायबैक बोनस शेयर समेत कई प्रकार के वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहा है जिनका आपके जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। आरबीआइ के निर्देशों के बाद बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को एक अक्टूबर से खुदरा लोन लेने वाले ग्राहकों को प्रमुख तथ्यों का विवरण देना अनिवार्य होगा। इन्हीं बदलावों को लेकर पढ़िए बिजनेस डेस्क की यह रिपोर्ट।
जेएनएन, नई दिल्ली। इंट्रोएक अक्टूबर यानी आज से स्वास्थ्य बीमा, खुदरा लोन, शेयर बायबैक, बोनस शेयर समेत कई प्रकार के वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिनका आपके जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। इन्हीं बदलावों को लेकर पढि़ए बिजनेस डेस्क की यह रिपोर्ट.
खुदरा लोन की लागत को लेकर मिलेगी स्पष्ट जानकारी
आरबीआइ के निर्देशों के बाद बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को एक अक्टूबर से खुदरा लोन लेने वाले ग्राहकों को प्रमुख तथ्यों का विवरण देना अनिवार्य होगा। इससे ग्राहकों को लोन की कुल लागत की जानकारी स्पष्ट रूप से मिल सकेगी।
आरबीआइ के अनुसार, यह विवरण साधारण रूप में होना चाहिए और इसमें लोन से जुड़ी फीस व अन्य शुल्क की जानकारी प्रमुख रूप से होनी चाहिए। साथ ही ग्राहकों को यह विवरण आसानी से समझ में आने वाली भाषा में दिया जाना चाहिए।
पॉलिसी सरेंडर पर मिलेगा ज्यादा प्रीमियम
अब बीमा पॉलिसी पर बीमाधारकों को ज्यादा पैसा मिलेगा। इंश्योरेंस रेग्युलेटर के अनुसार, बीमा कंपनियों को एक वर्ष बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर भी पैसा देना होगा। पहले एक वर्ष पॉलिसी सरेंडर करने पर कोई पैसा नहीं मिलता था।
इसके अलावा एक अक्टूबर से खरीदी जाने वाले स्वास्थ्य बीमा में प्रतीक्षा की अधिकतम अवधि तीन वर्ष होगी। अभी तक यह अवधि चार वर्ष थी। गलतबयानी और धोखाधड़ी को छोड़कर अन्य आधारों पर दावों को चुनौती नहीं देने की अवधि आठ वर्ष से घटाकर पांच वर्ष कर दी गई है।
शेयर बायबैक पर लगेगा 20 प्रतिशत टैक्स
एक अक्टूबर के बाद कंपनियों के शेयर बायबैक में हिस्सा लेने वाले शेयरधारकों पर 20 प्रतिशत टैक्स लगेगा। अभी तक यह टैक्स कंपनियों पर लगता था। नए नियमों के अनुसार, बायबैक की प्रक्रिया को लाभांश माना जाएगा और इससे मिलने वाले राशि शेयरधारकों की कुल आय में जोड़कर टैक्स लिया जाएगा। इसके अलावा, कंपनी से मिले शेयरों को बेचने वाले स्टार्टअप कर्मचारियों को भी टैक्स देना होगा।