Bijapur IED Blast: रोता-बिलखता परिवार, नम आंखों से विदाई... बलिदानी जवानों के अंतिम संस्कार में CM भी हुए भावुक
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 6 जनवरी (सोमवार) को हुए नक्सली हमले में 9 जवान बलिदान हुए थे। इसमें जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के नौ जवान एक ड्राइवर शामिल हैं। वहीं आज मंगलवार को बलिदानी ड्राइवर तुलेश्वर राणा का पार्थिव शरीर गृह गांव तोकापाल ब्लॉक के आरापुर लाया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके गांव पहुंचे। स्थानीय मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

जेएनएन, रायपुर। Bijapur Naxal Attack: बीजापुर नक्सली हमले के अगले दिन मंगलवार को बलिदानियों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। बलिदानी ड्राइवर तुलेश्वर राणा का पार्थिव शरीर गृह गांव तोकापाल ब्लॉक के आरापुर लाया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में लोग उनके गांव पहुंचे। स्थानीय मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। जिसकी कई तस्वीरें सामने आई हैं।
छत्तीसगढ़ सीएम ने दी बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि
इस बीच, दंतेवाड़ा के कारली पुलिस लाइन में सोमवार को बीजापुर जिले के कुटरू-बेदरे मार्ग पर ग्राम अंबेली में आईडी ब्लास्ट में बलिदानी जवानों को अंतिम सलामी दी गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री एवं प्रभारी मंत्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद महेश कश्यप, विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, विधायक बीजापुर विक्रम मण्डावी सहित पुलिस एवं सीआरपीएफ के अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री साय सहित उपमुख्यमंत्री ने बलिदानी जवानों के शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने बलिदानि जवान बामन सोढ़ी के पार्थिव शरीर को कंधा देकर गृह ग्राम के लिए रवाना किया।
हमले से 19 दिन पहले ही अमित शाह बस्तर से लौट थे
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे के 19 दिनों बाद नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। वे तीन दिवसीय दौरे पर 15 दिसंबर को रायपुर आए थे। पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस अवॉर्ड कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बस्तर गए थे।
दिल्ली लौटने से पहले शाह ने रायपुर में गृह विभाग के अधिकारियों के साथ नक्सली अभियान को गति देने की रणनीति बनाई थी। पुलिस परेड ग्राउंड में गृहमंत्री शाह ने कहा था कि देश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूर्णतः खात्मा हो जाएगा।
देश के सभी राज्यों से नक्सलवाद के खिलाफ ताबूत में अंतिम कील ठोकने की पूरी तैयारी है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की थी कि हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटें और विकास में योगदान दें। सरकार ने आत्मसमर्पण नीति बनाई है। इसमें समर्पण के बाद हर नक्सली के पुनर्वास की व्यवस्था भी की गई है।
बीजापुर हमले को लेकर राजनीति शुरू
बीजापुर जिले में जवानों के बलिदान पर राजनीति शुरू हो गई है। कांगेस ने घटना को लेकर सत्ता पक्ष पर सवाल उठाए हैं। वहीं, भाजपा का कहना है कि दुख की घड़ी में कांग्रेस राजनीति न करे।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस दुख की घड़ी में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है। बलिदानियों को नमन करने की बजाए असफलता ढूंढने में लगी है।
पांच वर्षों तक कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। वर्तमान में नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार बड़ी लड़ाई लड़ रही है। यह समय राजनीति करने का नहीं है।
इससे पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जवानों की वीरता पर गर्व है। सरकार के नक्सल मोर्चे पर असमंजस नीति के कारण इतनी बड़ी क्षति उठानी पड़ी है। जवान बलिदान हुए हैं।
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