'एमएस धोनी ने मुझे गिरगिट बना दिया था', माही के कारण अपने रंग बदलने पर मजबूर हो गए थे दिनेश कार्तिक
भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने कहा है कि एमएस धोनी के कारण उनका टीम में जगह बनाना मुश्किल हो गया था और इसलिए उन्होंने बार-बार अपने रोल बदलते हुए टीम इंडिया में एंट्री लेने की कोशिश की। कार्तिक ने पूर्व कप्तान धोनी की जमकर तारीफ भी की है।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने एमएस धोनी को लेकर बड़ी बात कह डाली है। कार्तिक ने कहा है कि धोनी के कारण वह गिरगिट बन गए थे जो बार-बार अपने रोल बदल रहा था। धोनी के आने के बाद कार्तिक को टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था और वह दोबारा अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए।
कार्तिक का डेब्यू टीम इंडिया में धोनी से पहले हुआ था। वह टीम में अपने पैर जमा रहे थे तभी धोनी की एंट्री हुई। एक बार जब धोनी टीम इंडिया में आए तो फिर दोबारा किसी विकेटकीपर के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा। वह टीम के कप्तान भी बने और भारत को तीन आईसीसी ट्ऱॉफी जिताईं।
इस बात की होती थी चर्चा
कार्तिक ने कहा कि धोनी ने उन्हें टीम इंडिया में आने के लिए अलग-अलग रोल अख्तियार करने पर मजबूर कर दिया था। इंडिया टुडे कॉनक्लेव साउथ 2025 में शिरकत करने आए कार्तिक ने उस समय को याद किया जब धोनी ने अपनी तूफानी बैटिंग से हर किसी को हैरान कर दिया था।
कार्तिक ने कहा, "मैंने उन्हें ज्यादा खेलते हुए नहीं देखा था। लेकिन केन्या के खिलाफ ए टीम की सीरीज के दौरान हर कोई एक खिलाड़ी की बातें कर रहा था क्योंकि वह कुछ नया लेकर आए थे। वह जिस ताकत से गेंद को मारते थे उसे पहले किसी ने देखा नहीं था। कुछ लोग लंबे छक्के मारने के कारण उनकी तुलना गैरी सोबर्स से कर रहे थे। धोनी की तकनीक काफी अलग थी। लेकिन वह जिस ताकत से गेंद को मारते थे वह उस समय चर्चा का विषय बनी हुई थी।"
करनी पड़ी थी मेहनत
कार्तिक ने कहा कि एक बार धोनी टीम में आए तो उन्होंने बता दिया था कि ये जगह उनकी है। कार्तिक ने कहा, "जब इस तरह का कोई आता है तो आपको अपने आप से पूछने की जरूरत होती है कि मैं अपना बेस्ट देने के लिए क्या कर सकता हूं? तो मैं थोड़ा गिरगिट की तरह बन गया। तो अगर टीम में ओपनिंग की जगह खाली होती तो मैं तमिलनाडु जाकर कहता था कि सर क्या मैं ओपनिंग कर सकता हूं। मैं टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए ओपनर के तौर पर रन बनाने की कोशिश करता।"
उन्होंने कहा, "इसी तरह अगर मिडिल ऑर्डर में जगह खाली होती तो मैं वहां बल्लेबाजी करने की अपील करता ताकि टीम में जगह बना सकूं। लेकिन मेरी चुनौती होती थी कि मैं किसी भी जगह पर बल्लेबाजी कर सकूं। मैंने अपने आप पर काफी दबाव बना लिया था।"
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