'तुम लड़कियों ने कभी कुछ जीता है?...', ताने मारने वालों के मुंह पर तमाचा, Harmanpreet Kaur ने बदल डाली सोच
Punam Raut on Harmanpreet Kaur: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई में साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार वनडे विश्व कप का खिताब जीता। इस ऐतिहासिक जीत के बाद, पूर्व बैटर पूनम राउत ने 2017 विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड से हारने के बाद मिली आलोचनाओं और तानों को याद किया। उन्होंने कहा कि हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में मिली यह जीत उन सभी लोगों के लिए सबसे बड़ा जवाब है जिन्होंने कभी महिला क्रिकेट का मजाक उड़ाया था।
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Harmanpreet Kaur ने भारत को ताना मारने वाले लोगों की बदल डाली सोच
स्पोर्ट्स डेस्क,नई दिल्ली। Punam Raut on Harmanpreet Kaur: नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच डाला। 2 नवंबर 2025 को साउथ अफ्रीका को फाइनल मैच में 52 रन से हराकर भारत ने पहली बार महिला वनडे विश्व कप का खिताब जीता। इस जीत से भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सालों का संदेह, ताने और आलोचकों को समाप्त कर दिया।
इस बीच भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व बैटर पूनम राउत ने साल 2017 विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार के बाद उन्हें और उनके साथियों को झेलनी पड़ी टिप्पणियों को याद किया। पूनम राउत ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में उन सभी तानों को याद किया जो उन्हें 8 साल पहले झेलने पड़े थे।
Harmanpreet Kaur ने भारत को विश्व चैंपियन बनाया
दरअसल, साल 2017 में पूनम राऊत (Punam Raut on Harmanpreet Kaur) महिला विश्व कप फाइनल में दर्द का चेहरा बनी थीं। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में उन्होंने 115 गेंद पर 86 रन बनाए थे, लेकिन भारत सिर्फ 9 रन से हार गया था। उस हार के बाद उन्हें और टीम को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
लोगों ने भारतीय महिला टीम की हार के बाद खूब ताने मारे थे। उन्होंने इनमें से कुछ तानों को याद करते हुए बताया कि लोग कहते थे कि तुमने क्या कर लिया? कभी कुछ जीता है? लड़कियां क्या कर सकती हैं? लड़कियां क्रिकेट खेल सकती हैं क्या?
हरमनप्रीत कौर ने बदल डाली सोच
पूरन राऊत (Punam Raut) ने कहा कि यह जीत उन सभी लोगों के लिए सबसे बड़ा जवाब है जिन्होंने कभी महिला क्रिकेट का मजाक उड़ाया था।
उन्होंने कहा कि मैं बहुत खुश और भावुक हूं। आंसू रुक नहीं रहे थे। यह जीत उन सबके लिए जवाब है जिन्होंने हमें कभी नीचा दिखाया। बचपन में लड़के मुझे चिढ़ाते थे कि लड़कियां क्रिकेट नहीं खेल सकतीं। वो बात दिल पर लगी थी।
पूनम ने बताया कि उनका और हरमनप्रीत का सफर काफी मिलता-जुलता रहा है। दोनों ने 2009 विश्व कप में साथ डेब्यू किया और दोनों ने वही ताने सुने, वही संघर्ष झेले।
राऊत ने कहा कि यह जीत 2017 की हार के घाव को भरने वाली थी। 9 रन की वह हार 9 साल तक हमें परेशान करती रही। लेकिन हरमन ने कर दिखाया। अब वह दर्द गर्व में बदल गया है।

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