Champions Trophy 2025: डेथ ओवरों में कप्तान के भरोसेमंद बने कुलदीप, 10 साल का प्रदर्शन पूरी दास्तां कर रहा बयां
भारतीय टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली है। इस बीच चाइनामैन कुलदीप यादव ने क्रिकेट जगत का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। कुलदीप यादव ने एक दशक में अंतिम ओवरों में शानदार गेंदबाजी की। चाइनामैन ने स्वीकार किया कि उन्हें आखिरी के ओवरों में गेंदबाजी करने की चुनौती पसंद है।

प्रेट्र, नई दिल्ली। कुलदीप यादव की बाएं हाथ की कलाई की स्पिन गेंदबाजी शेन वॉर्न या अब्दुल कादिर की तरह आकर्षक नहीं है। भारतीय गेंदबाज का जादू सादगी और साहस में छिपा हुआ है और रविवार को पाकिस्तान के विरुद्ध भारत के चैंपियंस ट्रॉफी मैच को याद करें तो यह धारणा सही साबित होती है।
पाकिस्तान ने 42 ओवर में पांच विकेट पर 200 रन बना लिए थे। फॉर्म में चल रहे सलमान अली आघा और खुशदिल शाह क्रीज पर थे। कप्तान रोहित शर्मा ने कुलदीप को गेंद थमाई। सलमान ने इसे रन बनाने के मौके के तौर पर देखा और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में रवींद्र जडेजा को कैच दे बैठे।
अगली ही गेंद कुलदीप ने तेज गेंद फेंकी और शाहीन शाह अफरीदी को पहली ही गेंद पर आउट कर दिया और पाकिस्तान का स्कोर सात विकेट पर 200 रन हो गया।
कुलदीप बने खतरा
यह विविधता और बल्लेबाजों का त्वरित आकलन ही है जो कुलदीप को मैच के किसी भी चरण में, यहां तक कि अंतिम 10 ओवरों में भी, एक वास्तविक खतरा बनाता है। कुलदीप की गेंदबाजी में सटीकता है और इसलिए कप्तान डेथ ओवरों में भी उन्हें गेंद थमाते हैं जैसा कि रोहित ने दुबई में पाकिस्तान के विरुद्ध किया था।
असल मे आंकड़े बताते हैं कि कुलदीप ने 2015 से 40 से 45 ओवरों के बीच 43 पारियों में 25 विकेट लिए हैं। इस समय अंतिम 10 ओवरों में आउटफील्ड में पांच क्षेत्ररक्षकों को खड़ा करने की स्वीकृति होती है। कुलदीप 40 से 45 ओवर के बीच लिए गए विकेटों के मामले में साथी कलाई के स्पिनरों राशिद खान (36) और एडम जंपा (29) से पीछे, लेकिन इंग्लैंड के लेग स्पिनर आदिल राशिद (25) के बराबर हैं।
कुलदीप को पसंद है डेथ ओवर में गेंदबाजी करना
कुलदीप ने कहा कि उन्हें डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने की चुनौती पसंद है। उन्होंने कहा, ''मैं अंतिम 10 ओवरों में गेंदबाजी करने में पहली पसंद बनने में सक्षम था। यहां तक कि कप्तान को भी लगा कि जब आपके पास विविधता होती है तो स्पिनरों के विरुद्ध बड़े शॉट खेलना बहुत मुश्किल होता है। विकेट धीमा था और यह मेरे लिए अच्छा था।''
उन्होंने साथ ही कहा, ''मैं गति और रांग वन या टॉप-स्पिन के साथ मिश्रण करने की कोशिश कर रहा था।'' कुलदीप ने 43वें ओवर में लगातार गेंदों पर आघा और अफरीदी को आउट करने की बारीकियां बताते हुए कहा, ''सलमान का पहला विकेट सामान्य चाइनामैन गेंद थी। यह धीमी गेंद थी लेकिन मैं गति में विविधता लाया।''
कुलदीप की योजना
चाइनामैन ने कहा, ''अफरीदी का विकेट पहली गेंद का असर था। मैं विकेट को निशाना बना रहा था। मुझे लगा कि रांग वन को हिट करना बेहतर विकल्प है। इसलिए मुझे सोचना होगा कि मैं किस गेंद पर हिट कर सकता हूं। और अगर विकेट धीमा है तो अंदर आने वाली गेंदों को खेलना मुश्किल होता है। इसलिए यही मेरी योजना थी।''
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