On This Day: एक दिन, 334 रनों की पारी और क्रिकेट में हुई 'डॉन' की एंट्री, क्रिकेट के लिए ही जन्मा था ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी
Sir Donald Bradman Birth Anniversary दुनिया के महान बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन का आज जन्मदिन है। ब्रैडमैन ने अपने करियर में काफी कुछ ऐसा किया है जिसे देख हर कोई हैरान रह गया। उनकी कई पारियों का आज तक जिक्र होता है। उनके करियर की ऐसी ही एक पारी हम आपके लिए लेकर आए हैं। पढ़िए रिपोर्ट
स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया ने विश्व क्रिकेट को महान से महान बल्लेबाज दिए। उनमें से ही एक हैं सर डॉन ब्रैडमैन। वो बल्लेबाज जिसे क्रिकेट की दुनिया का सबसे बड़ा बल्लेबाज माना जाता है। इसका कारण है उनका औसत। टेस्ट क्रिकेट में ब्रैडमैन का औसत 99.94 का है। आज उन्हीं ब्रैडमैन का जन्मदिन है। 27 अगस्त 1908 को उनका जन्म न्यू साउथ वेल्स के कूटामुंड्रा में हुआ था।
अपने करियर में ब्रैडमैन ने एक से एक पारी खेली और जमकर रन बनाए। उनमें से एक यादगार पारी ब्रैडमैन ने अपने शुरुआती करियर में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स मैदान पर खेली थी जिसने पूरी दुनिया को बता दिया था कि ये बल्लेबाज अलग है।
22 साल में खेली अद्भुत पारी
आज के समय में कई युवा लड़के 19-20 साल में टीम में आ जाते हैं और छा जाते हैं। लेकिन सालों पहले ये आसान नहीं था और आसान 22 साल की उम्र में दिग्गजों के सामने पहला इंग्लैंड का दौरा भी नहीं था जिसने बता दिया हो कि भविष्य इसी बल्लेबाज का है। 22 साल के डॉन ब्रैडमैन जिनके हाथ में बल्ला नहीं बल्कि रनों की बारिश करने वाली छड़ी थी। इंग्लैंड की धरती पर उनका पहला एशेज दौरा। सामने थी इंग्लैंड की मजबूत टीम जो अपने घर में अजेय मानी जाती थी। लेकिन ब्रैडमैन के इरादे कुछ और थे।
सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच लीड्स में खेला गया था और इस मैच में ब्रैडमैन ने पहले ही दिन जो किया उसने हर किसी को हैरान कर दिया। ऑस्ट्रेलिया की पारी शुरू हुई और ब्रैडमैन क्रीज पर आए। उनके चेहरे पर वो आत्मविश्वास था जो किसी भी गेंदबाजी आक्रामण के माथे पर शिकन ला सकता था। न कोई नर्वसनेस, न कोई घबराहट। बस एक अजीब सी शांति। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज हेरोल्ड लारवुड और मौरिस टेट ने पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन ब्रैडमैन का बल्ला जवाब देता था। अपने बेहतरीन क्लासिकिल शॉट्स से ब्रैडमैन हावी होते चले गए। मैदान पर गेंदबाजों की सांसें थम रही थीं और दर्शकों की तालियां रुकने का नाम नहीं ले रही थीं।
पहले दिन का खेल खत्म हुआ, तो ब्रैडमैन 309 रन पर नाबाद थे। एक दिन में 300 रन! ये कोई आसान काम नहीं था। बल्लेबाजों को आज भी दो-तीन दिन लग जाते हैं इस स्कोर तक पहुंचने में, लेकिन ब्रैडमैन ने ये कारनामा एक ही दिन में कर दिखाया था। क्रिकेट की दुनिया में यह किसी चमत्कार से कम नहीं था।
अगले दिन ब्रैडमैन ज्यादा आगे नहीं जा पाए। उन्होंने अपने स्कोर में 25 रनों का और इजाफा किया। वह 334 रन बनाकर आउट हुए। 448 गेंदों का सामना कर उन्होंने 46 चौके मारे थे। उनके आउट होने पर स्टेडियम में मौजूद हर शख्स खड़ा हो गया था क्योंकि इससे पहले इतनी अविश्वस्नीय पारी किसी ने नहीं देखी थी। इंग्लैंड की टीम के फैंस भी ब्रैडमैन को सलाम कर रहे थे।
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 566 रन बनाए थे। इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 391 रनों पर ढेर हो गई थी। ऑस्ट्रेलिया ने उसे फॉलोऑन दिया था। इंग्लैंड ने पांचवें दिन तीन विकेट खोकर 95 रन बनाए थे और मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ था।
कमाल की थी सीरीज
ये मैच ही नहीं ब्रैडमैन के लिए ये पूरी सीरीज कमाल की थी। लीड्स से पहले लॉर्ड्स में ब्रैडमैन ने दोहरा शतक जमाया था। उन्होंने इस सीरीज में कुल 974 रन बनाए थे। इस पूरे दौरे पर ब्रैडमैन के बल्ले से चार शतक निकले थे जिसमें दो दोहरे और एक तिहरा शतक शामिल था। उनका औसत 139.14 का रहा था।
ये दौरा सिर्फ रनों का नहीं था। यह उस जुनून का था जिसमें रन बनाने की आग थी। बचपन में जब ब्रैडमैन स्टंप और गोल्फ बॉल से अभ्यास करते थे तब शायद ही किसी ने सोचा था कि यह लड़का एक दिन क्रिकेट को बदल देगा और ऐसा बल्लेबाज बनेगा जो हर किसी के लिए आइडल होगा। 1930 की इस सीरीज ने पूरी दुनिया को ब्रैडमैन की झलक दिखाई और पूरी पिक्चर क्या थी ये सभी जानते हैं।
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