गौतम गंभीर ने ड्रेसिंग रूम में टीम को दिया था खास मंत्र, करुण नायर ने सीरीज के बाद कर दिया खुलासा
भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज अब समाप्त हो चुकी है। यह सीरीज 2-2 की बराबरी पर रही। भारतीय टीम का हिस्सा रहे करुण नायर ने सीरीज खत्म होने के बाद बड़ा खुलासा किया है। करुण नायर ने कहा कि टीम के हेड कोच गौतम गंभीर का मंत्र टीम को बदलाव की स्थिति में न देखना था।

स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे से लौटी है। इस दौरे पर भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली गई थी। यह सीरीज 2-2 की बराबरी पर रही थी। भारतीय टीम का हिस्सा रहे करुण नायर ने सीरीज के बाद बड़ा खुलासा किया है।
करुण नायर ने कहा कि हेड कोच गौतम गंभीर का मंत्र टीम को बदलाव की स्थिति में न देखना था। उन्होंने कहा कि भारतीय कोच नहीं चाहते थे कि खिलाड़ियों को लगे कि वे एक युवा और अनुभवहीन टीम हैं। रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास लेने के बाद टीम में अनुभव की कमी आई है।
सालों बाद हुई वापसी
करुण नायर ने 3000 से ज्यादा दिनों के बाद टेस्ट में वापसी की। ईएसपीएनक्रिकइन्फो से बातचीत में नायर ने कहा कि गंभीर टीम के लिए अपने मंत्र को लेकर स्पष्ट थे और उन्होंने सभी से कहा कि वे खुद को एक युवा टीम के बजाय एक 'शक्तिशाली टीम' के रूप में देखें। नायर ने कहा कि टीम के अंदर यही मैसे था कि टीम के लिए खेलें और एक-दूसरे को सपोर्ट करें।
नायर ने कहा, "शुरुआत में ही, गौतम गंभीर ने कहा था कि वह नहीं चाहते कि हम इसे एक बदलाव की स्थिति वाली टीम के रूप में देखें। वह नहीं चाहते थे कि हम ऐसा महसूस करें। हमें जो पहला मैसेज मिला, वह था 'यह कोई युवा टीम नहीं है, यह एक बेहतरीन टीम है और सभी को इसे अंदर से महसूस करना चाहिए।"
एक-दूसरे का सपोर्ट करें
भारतीय बल्लेबाज ने कहा, "टीम के भीतर यह मैसेज था कि हर कोई टीम के लिए खेले और एक-दूसरे का सपोर्ट करें। कोच या कप्तान का ऐसा कहना एक बात है, लेकिन इसे महसूस करना अद्भुत था।" नायर ने यह भी कहा कि लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय लोअर के बल्लेबाजों द्वारा अंत में की गई वापसी ने टीम को उत्साहित किया। बल्लेबाज ने कहा कि मैच में हार के बावजूद रवींद्र जडेजा, मोहम्मद सिराज और नीतीश कुमार रेड्डी जैसे बल्लेबाजों की वापसी देखकर सभी प्रेरित हुए।
नायर ने कहा, "उस स्थिति से जहां हमने इतने विकेट गंवा दिए थे, नीतीश और सिराज ने जड्डू के साथ जो संघर्ष किया, उसे देखना प्रेरणादायक था। कभी हार न मानने वाला उनका रवैया साफ दिखाई दे रहा था। टेस्ट हारने की निराशा जरूर थी, लेकिन हर कोई प्रेरित था।" करुण बोले मैनचेस्टर में टूटे पैर के अंगूठे के साथ बल्लेबाजी करने का ऋषभ पंत का साहसिक कदम टीम की फिलॉसफी बताता है।
नायर ने कहा, "टूटे पैर के साथ ऋषभ को बल्लेबाजी करते देखना, यह सीरीज के सबसे यादगार पलों में से एक था। यह देखना सभी के लिए आश्चर्यजनक था। इससे पता चलता है कि वह कितने महान खिलाड़ी हैं। उससे भी महत्वपूर्ण बात, वह कैसे इंसान हैं। यह टीम की फिलॉसफी का एक उदाहरण है। टीम के लिए सब कुछ पहले रखना, यह किसी व्यक्ति के बारे में नहीं है।"
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