Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'क्या 4 लाख रुपये कम हैं?' हसीन जहां की मांग पर एक्शन में सुप्रीम कोर्ट, मोहम्मद शमी से मांगा जवाब

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 06:54 PM (IST)

    मोहम्मद शमी से अलग रह रहीं पत्नी हसीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हसीन जहां ने एक यचीका दाखिल कर बेटी और खुद को मिलने वाले एलिमनी में बढ़ोतरी की मांग की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि क्या 4 लाख रुपये कम हैं? हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने शमी और बंगाल सरकार को जबाव देने के लिए नोटिस जारी किया है। 

    Hero Image

    हसीन जहां ने एलिमनी बढ़ाने की कर दी मांग।

    स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। मोहम्मद शमी की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। रणजी ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें भारतीय टीम में जगह नहीं मिल रही है। हाल ही साउथ अफ्रीका के खिलाफ घोषित हुई भारतीय टेस्ट टीम में शमी को फिर से नजरअंदाज किया गया। वहीं, तलाकशुदा पत्नी ने एलिमनी को लेकर फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हसीन जहां ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनके लिए 1.5 लाख रुपये प्रति माह और उनकी बेटी के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति माह गुजारा भत्ता तय किया गया था। अपनी याचिका में उन्होंने तर्क दिया कि शमी की कमाई और जीवनशैली को देखते हुए यह राशि कम है और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से गुजारा भत्ता बढ़ाने का आग्रह किया। 

    सुप्रीम कोर्ट ने किया सवाल

    सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'क्या 4 लाख रुपये प्रति माह पहले से ही बहुत ज्यादा पैसा नहीं है?' बहरहाल, बेंच ने शमी और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों से चार हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई दिसंबर में होगी।

    वकील ने दी यह दलील

    हसीन जहां के वकील ने दलील दी कि भारतीय क्रिकेटर शमी की आय और संपत्ति मौजूदा गुजारा भत्ता आदेश में दर्शाई गई राशि से कहीं ज्यादा है। साथ ही याचिका में आरोप लगाया गया है कि पारिवारिक न्यायालय और कलकत्ता उच्च न्यायालय, दोनों के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद शमी ने कई महीनों तक भुगतान नहीं किया।

    दिसंबर में होगी अगली सुनवाई

    हसीन जहां ने कहा कि हालांकि वह अपने पति की आय पर व्यक्तिगत अधिकार का दावा नहीं करतीं, लेकिन उनकी बेटी अपने पिता के समान जीवन स्तर की हकदार है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद शमी और बंगाल सरकार को अपना जवाब सब्मिट करना होगा। इसके बाद दिसंबर में सर्वोच्च न्यायालय आगे की सुनवाई करेगा।

    यह भी पढे़ं- 'सिर्फ बहाना है', मोहम्मद शमी को नजरअंदाज करने पर अजीत अगरकर और बीसीसीआई को लगी फटकार

    यह भी पढे़ं- India Test Squad: साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टेस्ट टीम का एलान, ऋषभ पंत की हुई वापसी; शमी को नहीं मिली जगह