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    Two-Tier Test System: बदलने वाला है टेस्ट क्रिकेट! टू टीयर सिस्टम लाने की है तैयारी; जानें पूरी डिटेल

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 10:00 PM (IST)

    सिंगापुर में गुरुवार से शुरू हो रही आईसीसी की वार्षिक आम बैठक में टू-टीयर टेस्ट सिस्टम टॉप एजेंडे में शामिल है। एमसीसी इस नई टेस्ट क्रिकेट प्रणाली पर बहस कर सकती है। अगर आईसीसी इस प्रस्ताव पर मुहर लगाती है तो यह प्रस्तावित प्रणाली अगली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) सर्किल (2027) से लागू होगी।

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    टू टीयर टेस्ट सिस्टम पर आईसीसी लगा सकती हैं मुहर। फोटो- PTI

     स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली। टू-टीयर टेस्ट सिस्टम (Two-tier Test System) ने क्रिकेट जगत में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। इसको लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं। हर क्रिकेट फैंस टू-टीयर टेस्ट सिस्टम को जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिर यह बला है क्या? सवाल यह भी उठ रहा है कि टू-टीयर टेस्ट सिस्टम को लाने के पीछे का मकसद क्या है।

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    टेस्ट क्रिकेट में टू टीयर टेस्ट सिस्टम लाने की तैयारी की जा रही है। गुरुवार को शुरू हुई आईसीसी की सालाना आम बैठक में टू टीयर टेस्ट सिस्टम टॉप एजेंडे में शामिल है। एमसीसी ने इसका प्रस्ताव रखा है। ICC के चेयरमैन जय शाह के सामने एमसीसी के सलाहकार बोर्ड में शामिल सौरव गांगुली, ग्रीम स्मिथ, हीथर नाइट और कुमार संगकारा जैसे प्रमुख लोग इस नई प्रणाली की वकालत करेंगे।

    अगर आईसीसी इस प्रणाली को हरी झंडी दिखाता है तो अगले WTC सर्किल से यानी 2027 से लागू हो सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं?

    2027 से हो सकता है लागू

    दरअसल, टेस्ट क्रिकेट को और रोचक और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए पारंपरिक क्रिकेट संस्थाएं इस प्रणाली का समर्थन कर रही हैं। मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने इस प्रणाली पर चर्चा की और इसके प्रस्ताव की योजना बनाई है। अगर आईसीसी इस प्रस्ताव पर मुहर लगाती है तो यह प्रस्तावित प्रणाली अगली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) सर्किल (2027) से लागू होगी।

    अब बात टू-टीयर टेस्ट सिस्टम की

    फैंस के मन में सवाल है कि आखिरी टू-टीयर टेस्ट सिस्टम प्रणाली है क्या? बेहद आसान शब्दों में कहें तो इसके तहत टेस्ट खेलने वाली टीमों को प्वाइंट्स टेबल की रैकिंग के आधार पर दो टीयर में बांटा जाएगा। पहले टीयर में टॉप रैंकिंग की टीमों को शामिल किया जाएगा और दूसरे टीयर में छोटी टीमों को जगह दी जाएगी। इससे बड़ी टीमों के बीच रोमांचक मुकाबले होंगे। वहीं, छोटी टीमें टीयर-1 में जगह बनाने के लिए आपस में मुकाबला करेंगी।

    इससे कद्दावर टीमों को एक-दूसरे के खिलाफ ज्यादा और नियमित अंतराल पर टेस्ट मैच खेलने का मौका मिलेगा। वहीं, निचले क्रम पर रहने वाली टीमें आपस में भिड़कर शीर्ष ग्रुप में खुद को शामिल करने के लिए मोटिवेट होंगी। इस प्रस्तावित प्रणाली के पीछे आईसीसी का लक्ष्य खेल को और रोमांचक बनाना तो है ही वहीं, टेस्ट क्रिकेट की कमर्शियल वेल्यू में भी इजाफा करना है।

    टियर 1 और टियर 2 में संभावित टीमें-

    टीयर 1: ऑस्ट्रेलिया, भारत, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, बांग्लादेश

    टीयर 2: जिम्बाब्वे, अफगानिस्तान, आयरलैंड, स्कॉटलैंड, नीदरलैंड, नेपाल

    टीमों को मिलेगा प्रामोशन और डिमोशन

    टीयर-2 सिस्टम में ICC टीमों के लिए प्रामोशन और डिमोशन की प्रक्रिया को भी शामिल कर सकती है। इसके तहत टीयर-2 की टॉप दो टीम को टीयर-1 में जगह दी जाएगी यानी बेहतरीन खेलने वाली दोनों टीमों का प्रामोशन होगा। वहीं, टीयर-1 की सबसे फिसड्डी दो टीमों को टीयर-2 में धकेल दिया जाएगा यानी उनका डिमोशन हो जाएगा और उन्हें टीयर-1 में आने के लिए उम्दा प्रदर्शन करना होगा।

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