Ashutosh Sharma: कभी तोड़ा युवराज सिंह का रिकॉर्ड, अपने ही घर में अनदेखी से हुए हताश, अब बने दुनिया की आंखों का तारा
आईपीएल-2025 के अपने पहले मैच में दिल्ली कैपिटल्स की टीम की हार तय लग रही थी। लखनऊ सुपरजायंट्स ने दिल्ली को लगभग हरा ही दिया था तभी आशुतोश शर्मा ने तूफानी रूप अख्तियार किया और पूरी बाजी पलट दी। उन्होंने ऐसी पारी खेली कि हारती हुई दिल्ली मैच जीत गई। आशुतोश तब से भारतीय क्रिकेट में छाए हुए हैं। जानिए उनकी कहानी।

कपीश दुबे, नईदुनिया, इंदौर: आईपीएल ऐसा मंच है जहां से क्रिकेट की दुनिया को नए सितारे मिलते हैं। ऐसा ही एक सितारा उभरकर सामने आया है, जिसका नाम आशुतोष शर्मा है। दिल्ली कैपिटल्स की टीम अपने पहले ही मैच में जब 65 रनों पर पांच विकेट गंवाकर संभावित हार की ओर बढ़ रही थी, तब किसी ने सोचा नहीं था कि एक अनजान सा युवा बल्ले से परिणाम बदल देगा।
31 गेंदों पर 66 रनों की नाबाद पारी के बाद आशुतोष में अब क्रिकेट की दुनिया भविष्य देख रही है, मगर एक समय ऐसा भी था जब उन्हें अपने ही राज्य मध्य प्रदेश की टीम में अनदेखा कर दिया गया था। कभी युवराज सिंह का कीर्तिमान तोड़ने वाला यह बल्लेबाज हताश में क्रिकेट छोड़ने की तैयारी थी। मगर प्रतिभा पर भरोसा रखा और अपनी काबिलियत से अपनी किस्मत बदल दी।
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विकेट पर टिकना था लक्ष्य
अपनी ताबड़तोड़ पारी के बारे में चर्चा करते हुए आशुतोष कहते हैं, "मेरा यही प्रयास था कि जितनी देर हो सके विकेट पर रहूं। मैं यदि अंत तक टिका रहा तो टीम को मैच जिता दूंगा यह आत्मविश्वास था।"
यह पूछने पर कि इतना आत्मबल कहां से आया तो बोले, "मैंने अभ्यास में बहुत पसीना बहाया है। पिछले साल भी आईपीएल खेला था तो वह अनुभव भी था। मैंने नए शॉट्स की तैयारी नहीं की थी, बस जो आता है उसे ही इस्तेमाल करना था। टीम की ओर से भी मुझे कहा गया था कि अपना नैसर्गिक खेल खेलूं। मुझे मेरे मेंटर शिखर धवन ने बहुत मदद की, खासकर उन्होंने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाया। मेरे बचपन के कोच अमय खुरासिया ने मेरी तकनीक में सुधार किया। उन्होंने हमेशा मेरा मनोबल बढ़ाया। अब भी उनसे बात होती है और वे लगातार मुझे बतौर क्रिकेटर बेहतर बनने के लिए मार्गदर्शन देते हैं।"
LONG LIVE, IPL.....!!! 👏
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) March 24, 2025
- One of the greatest run chases in history, take a bow Ashutosh Sharma. 🫡pic.twitter.com/rxVzthPDC0
युवराज का रिकॉर्ड तोड़ा
आशुतोष ने सैयद मुश्ताक अली ट्राफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ रांची में 11 गेंदों पर अर्धशतक लगाते हुए युवराज सिंह (12 गेंद) के सबसे तेज अर्धशतक का रिकार्ड तोड़ा था। सफलता की सीढ़ी चढ़ रहे आशुतोष मध्य प्रदेश टीम के साथ बुरे दौर को याद नहीं करना चाहते। वे कहते हैं, "मैंने पुराने अनुभवों से सीख ली है, लेकिन नकारात्मक बातों को अपने साथ नहीं रखता। मैं आगे बढ़ने में भरोसा रखता हूं।"
वे भले ही अब पुरानी बातों पर चर्चा न करें, लेकिन पिछले साल उन्होंने बताया था कि 45 गेंदों पर 90 रनों की पारी खेलने के बावजूद उन्हें पेशेवर कोच ने टीम से बाहर कर दिया। मुश्ताक अली ट्रॉफी के छह मैचों में तीन अर्धशतक थे। मैदान पर जाने की अनुमति नहीं थी। यह एक खिलाड़ी के रूप में हताशाभरा समय था। तब मेरे कोच अमय खुरासिया ने मुझमें मेरी काबिलियत को लेकर आत्मविश्वास भरा।
आशुतोश ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ रांची में 11 गेंदों पर अर्धशतक लगाते हुए युवराज सिंह (12 गेंद) के सबसे तेज अर्धशतक का रिकॉर्ड तोड़ा था। उन्हीं के प्रदर्शन की मदद से ही मप्र ने अंडर-16 राष्ट्रीय स्पर्धा जीती थी। कोच खुरासिया अपने शिष्य की सफलता से खुश हैं।
वे बताते हैं, आशुतोश नैसर्गिक रूप से तकनीकी रूप से दक्ष ओपनर और आक्रामक बल्लेबाज हैं। यदि उनकी आईपीएल टीम बतौर ओपनर अवसर देती है तो वे टीम के लिए और भी ज्यादा उपयोगी साबित होंगे। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से अपना मुकाम बनाया है।
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