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    AAP विधायक के कार्यालय पर पुलिस का छापा, खाली कराने की कोशिश विफल

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 05:42 AM (IST)

    शनि बाजार रोड पर आप विधायक मुकेश अहलावत के कार्यालय को खाली कराने पहुंची पुलिस को विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा। विधायक के समर्थकों ने कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। महिला एवं बाल विकास विभाग ने कार्यालय खाली करने का नोटिस दिया था, जिस पर विधायक ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। विधायक अहलावत ने भाजपा सरकार पर आप विधायकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।

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    सुल्तानपुरी के शनि बाजार रोड स्थित आप विधायक कार्यालय के बाहर पुलिस की ओर से लगाई गई बैरिकेडिंग। जागरण

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। शनि बाजार रोड स्थित आप विधायक मुकेश अहलावत के कार्यालय के बाहर बैरिकेडिंग लगाए जाने के बाद हंगामा मच गया। विधायक कार्यालय का निरीक्षण करने और उसे खाली कराने की कोशिश कर रहे थे। बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता विधायक के कार्यालय पहुंचे और कार्यालय खाली कराने का विरोध किया और नारेबाजी की। आप कार्यकर्ता करीब तीन घंटे तक कार्यालय के अंदर रहे, जबकि पुलिस बाहर तैनात रही।

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    पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के बीच लंबी बहस के बाद सरकारी अधिकारियों को बिना कोई कार्रवाई किए वापस लौटना पड़ा। बताया जा रहा है कि विधायक द्वारा कार्यालय खाली कराने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होनी है, इसलिए कार्यालय खाली कराने की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।

    विधायक के कार्यालय को खाली कराने की तैयारी बुधवार सुबह से ही शुरू हो गई थी। पुलिस ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर बैरिकेडिंग कर दी और परिसर की गहन तलाशी ली। तलाशी में बम निरोधक दस्ते को भी शामिल किया गया। भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया था।

    विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी अधिसूचना पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिखाई और कार्यालय खाली कराने की समयसीमा पर सवाल उठाए। लगभग तीन घंटे की बहस के बाद, अधिकारी और पुलिस बिना कोई कार्रवाई किए लौट गए। 7 नवंबर को महिला एवं बाल विकास विभाग ने विधायक को एक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह जगह आंगनवाड़ी परियोजना का हिस्सा है और उन्हें सात दिनों के भीतर इसे खाली करने को कहा गया।

    आप विधायक मुकेश अहलावत ने कहा कि यह कार्यालय उन्हें 25 जून को विधिवत आवंटित किया गया था। इसके बावजूद, भाजपा सरकार आप विधायकों को निशाना बना रही है। सरकार ने 7 नवंबर को मेरा बेदखली आदेश जारी किया। धारा 5 के तहत, बेदखली के लिए 15 दिन की नोटिस अवधि अनिवार्य है। मैंने तुरंत 14 नवंबर को अदालत में मामला दायर किया।

    अदालत ने सुनवाई 20 नवंबर के लिए निर्धारित की है। हालाँकि, अदालत की तारीख से एक दिन पहले, प्रशासन जबरन कार्यालय खाली कराने पहुँच गया। इस बीच, आप के दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा सरकार आप विधायकों को जनता की सेवा करने से रोकने के लिए एक राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें परेशान कर रही है।