Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली AIIMS ने मधुमेह से आंखों को होने वाले खतरे के बारे में दी चेतावनी, नई गाइडलाइन जारी

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 06:09 AM (IST)

    एम्स, नई दिल्ली ने मधुमेह से होने वाली आंखों की बीमारी के प्रति चेतावनी जारी की है और रेटिनोपैथी की रोकथाम के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर जांच और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने से रेटिनोपैथी के गंभीर रूपों को रोका जा सकता है। भारत में लगभग 1.70 करोड़ लोगों में रेटिनोपैथी पाई गई है।

    Hero Image

    एम्स, नई दिल्ली ने मधुमेह से होने वाली आंखों की बीमारी के प्रति चेतावनी जारी की है।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एम्स ने मधुमेह से होने वाली आंखों की बीमारी को लेकर चेतावनी जारी की है और रेटिनोपैथी की रोकथाम के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। मधुमेह से जुड़ी आंखों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए एम्स आरपी सेंटर ने रेटिनोपैथी की रोकथाम और प्रभावी इलाज के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रेटिनोपैथी की जांच अनिवार्य करने और जिला अस्पतालों में पर्याप्त इलाज की सुविधा सुनिश्चित करने का सुझाव दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मरीज समय पर जांच करवाएं और अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखें, तो रेटिनोपैथी के जटिल रूपों को विकसित होने से रोका जा सकता है।

    एम्स के नेत्र विशेषज्ञों का कहना है कि देश में तेजी से बढ़ रहा मधुमेह अब आंखों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। एम्स आरपी सेंटर के सामुदायिक नेत्र विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण वशिष्ठ ने बताया कि भारत में लगभग 10 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और उनमें से बड़ी संख्या में लोगों का निदान नहीं हो पाता है।

    अनियंत्रित ब्लड शुगर धीरे-धीरे रेटिना को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी होती है, जिससे दृष्टि हानि का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि देश में लगभग 1.70 करोड़ लोगों में रेटिनोपैथी पाई गई है।