Delhi Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद सिद्दीकी ही नौ कंपनियां, 7.5 करोड़ की धोखाधड़ी में जेल भी हुई
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद सिद्दीकी पर 7.5 करोड़ की ठगी का आरोप लगा है। यूनिवर्सिटी का नाम लाल किला ब्लास्ट केस से भी जुड़ रहा है। ईडी भी यूनिवर्सिटी की जांच कर रही है। सिद्दीकी पर निवेशकों से धोखाधड़ी करने और पैसे निजी खातों में ट्रांसफर करने का आरोप है। यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर ने सभी आरोपों को झूठा बताया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार ब्लास्ट की जांच फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक और ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी तक पहुंच गई है। जांच एजेंसियों ने पुष्टि की है कि विश्वविद्यालय में काम करने वाले दो मुख्य आरोपी डॉ. शाहीन सईद और डॉ. मुजम्मिल शकील भी ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्दीकी न केवल इस यूनिवर्सिटी के संस्थापक हैं बल्कि नौ कंपनियों के नेटवर्क से भी जुड़े हुए हैं। ये सभी कंपनियां अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अधीन आती हैं, जो विश्वविद्यालय के संचालन की देखरेख करता है।
7.5 करोड़ की धोखाधड़ी नए सिरे ही जांच के दायरे में
अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में है। जांच एजेंसियों का कहना है कि सिद्दीकी का कारपोरेट नेटवर्क और एक पुराना 7.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला अब नए सिरे से जांच के घेरे में है।
धोखाधड़ी का यह केस दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना में दर्ज हुआ था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सिद्दीकी और उनके सहयोगियों ने लोगों को निवेश योजनाओं में पैसा लगाने के लिए प्रलोभन दिया और बाद में फर्जी दस्तावेज़ बनाकर उन पैसों को शेयर निवेश में दिखाया।
सिद्दीकी को 2001 में किया गया था गिरफ्तार
आरोप है कि उन्होंने लगभग 7.5 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों से जुटाई और उसे अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया। सिद्दीकी को 2001 में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 2003 में उनकी जमानत याचिका खारिज की थी, क्योंकि फॉरेंसिक जांच में शेयर सर्टिफिकेट पर फर्जी हस्ताक्षर पाए गए थे। बाद में 2004 में उन्हें जमानत मिली, लेकिन शर्त यह थी कि वे निवेशकों के पैसे वापस लौटाएंगे।
जावेद अहम सिद्दीकी की नौ कंपनियां
- अल-फलाह इन्वेस्टमेंट (1992 में स्थापित)
- अल-फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन
- अल-फलाह डेवलपर्स प्रा. लि.
- अल-फलाह इंडस्ट्रियल रिसर्च फाउंडेशन
- अल-फलाह एजुकेशन सर्विस प्रा. लि.
- एमजेएच डेवलपर्स प्रा. लि.
- अल-फलाह सॉफ्टवेयर प्रा. लि.
- अल-फलाह एनर्जीज प्रा. लि.
- तर्बिया एजुकेशन फाउंडेशन
इनमें से ज्दादातर कंपनियां जामिया नगर, दिल्ली स्थित अल-फलाह हाउस के पते पर रजिस्टर्ड हैं। 2019 तक अधिकांश कंपनियां सक्रिय थीं, लेकिन उसके बाद इन्हें बंद या निष्क्रिय कर दिया गया।
अल-फलाह मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में शुरू हुई थी और अब 78 एकड़ के कैंपस में संचालित है। वर्तमान में इस पर NAAC (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की जांच चल रही है।
लाल किले के पास अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल भरी एक सफेद हुंडई i20 कार में धमाका किया गया। जिसमें 13 लोगों की मौत हुई।कार चलाने वाला डॉ. उमर मोहम्मद, पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा मिला।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक अल-फलाह यूनिवर्सिटी के लीगल एडवाइजर मोहम्मद राजी ने जावेद अहमद सिद्दीकी के खिलाफ सभी आरोपों को झूठ और बेबुनियाद" हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें डॉ. मुजम्मिल शकील की भर्ती से संबंधित कोई जानकारी नहीं है।

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