दिल्ली के इस पार्क को संवारने का काम जारी, 23 नवंबर को जनता के लिए खुलेगा
यमुना में जलस्तर बढ़ने से क्षतिग्रस्त हुए असिता ईस्ट पार्क का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हो गया है। फूल-पौधे लगाए जा रहे हैं और फुटपाथ भी बनाए जाएंगे। डीडीए के अनुसार, पार्क 23 नवंबर को जनता के लिए फिर से खुल जाएगा। बाढ़ के कारण पार्क में फूल नष्ट हो गए थे और रेस्टोरेंट डूब गया था। वर्तमान में मरम्मत कार्य चल रहा है, और बच्चों के खेलने के क्षेत्र का भी नवीनीकरण किया जा रहा है।

यमुना में जलस्तर बढ़ने से क्षतिग्रस्त हुए असिता ईस्ट पार्क का जीर्णोद्धार कार्य शुरू हो गया है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। यमुना के बढ़ते जलस्तर से क्षतिग्रस्त हुए असिता ईस्ट पार्क के जीर्णोद्धार का काम शुरू हो गया है। फूल-पौधे लगाए जा रहे हैं। जल्द ही फुटपाथ बनाने का काम शुरू होगा। डीडीए अधिकारियों के अनुसार, यह 23 नवंबर को आम जनता के लिए फिर से खुल जाएगा।
पिछले सितंबर में यमुना का जलस्तर बढ़ गया था। यमुना किनारे स्थित असिता ईस्ट पार्क में बाढ़ आ गई थी, जिससे फूल और सजावटी पौधे नष्ट हो गए थे। रेस्टोरेंट भी डूब गया था। पूरी तरह से जर्जर होने के कारण यह पार्क अब पर्यटकों के लिए उपयुक्त नहीं रहा। जलस्तर बढ़ने के कारण डीडीए ने इसे बंद भी कर दिया था। जलस्तर कम होने पर पार्क कीचड़ से भर गया था। कीचड़ साफ करने के बाद, डीडीए ने फूलों के पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं।
फिलहाल, गेंदा और अन्य फूल लगाए जा रहे हैं। घास काटकर समतल किया जा रहा है। रेस्टोरेंट की मरम्मत का काम भी चल रहा है। क्षतिग्रस्त हुए फुटपाथ के लिए हाल ही में ठेका दिया गया है। यह पार्क वर्तमान में 90 हेक्टेयर में फैला हुआ है। भगवान बुद्ध और सूर्य की दो मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं, जो आगंतुकों के लिए सेल्फी पॉइंट का काम करेंगी। बच्चों के खेलने के लिए पार्क का भी नवीनीकरण किया जा रहा है। डीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि पार्क 23 नवंबर तक जनता के लिए खुल जाएगा।
जलाशय का जीर्णोद्धार बाद में पूरा किया जाएगा।
पार्क में पाँच एकड़ में फैला एक जलाशय है जिसकी क्षमता 60,000 घन मीटर पानी की है। इसके जीर्णोद्धार में कुछ समय लगेगा। वर्तमान में, यह झाड़ियों से घिरा हुआ है। पिछले साल तक, यह जलाशय सर्दियों के मौसम में विदेशी पक्षियों का घर हुआ करता था।

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