निगम उपचुनाव में जीत के लिए भाजपा ने कमर कसी, वरिष्ठ नेताओं को सौंपी जाएंगी जिम्मेदारियां
दिल्ली में एमसीडी की 12 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए भाजपा कमर कस रही है। पहले भाजपा के पास इनमें से नौ सीटें थीं, और वह फिर से इन पर कब्ज़ा करने की तैयारी में है। पार्टी वरिष्ठ नेताओं और ज़मीनी कार्यकर्ताओं को तैनात करेगी। विधायकों के लिए यह चुनाव अग्निपरीक्षा होगा, क्योंकि उनकी साख दांव पर लगी है।

दिल्ली में एमसीडी की 12 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए भाजपा कमर कस रही है। फाइल फोटो
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में एमसीडी की 12 सीटों के लिए उपचुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती है। चूँकि भाजपा के पास पहले इन 12 में से नौ सीटें थीं, इसलिए उसने इन सीटों पर फिर से कब्ज़ा करने और अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
इस चुनाव की तैयारियों को मज़बूत करने के लिए भाजपा के पूर्व पार्षदों, वर्तमान पार्षदों, नगर निगम अधिकारियों, वरिष्ठ विधायकों और सांसदों को तैनात किया जाएगा। इन तैयारियों के साथ-साथ, भाजपा क्षेत्र के उन ज़मीनी कार्यकर्ताओं का भी आकलन कर रही है जिन्हें उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इसमें ख़ास तौर पर उन उम्मीदवारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जो सीट खाली होने के बाद से जनता के संपर्क में हैं और प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम कर रहे हैं।
चुनावी तैयारियों में महापौर राजा इकबाल सिंह, उप महापौर जय भगवान यादव, सदन के नेता प्रवेश वाही, स्थायी समिति के अध्यक्ष सत्य शर्मा और उपाध्यक्ष सुंदर सिंह के साथ-साथ विभिन्न समितियों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष शामिल हैं। भाजपा किसी विपक्षी पार्षद के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर भी विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने इलाके में काम न हो पाने और जनता की समस्याओं को लेकर भी मुद्दे उठाने शुरू कर दिए हैं। विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं।
गौरतलब है कि 2022 में भाजपा ने 12 नगर निगम सीटों में से आठ पर जीत हासिल की थी। मुंडका विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से नाराज़ होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले गजेंद्र दराल ने जीत हासिल की थी। हालाँकि, चुनाव जीतने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। दराल निर्दलीय होते हुए भी 9,348 वोटों से जीते। इसके चलते भाजपा ने उन्हें 2025 के विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया। उन्होंने 10,000 से ज़्यादा वोटों से जीत हासिल की।
विधायकों की भी होगी अग्निपरीक्षा
दिल्ली में 12 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव भाजपा विधायकों के लिए ख़ास तौर पर अग्निपरीक्षा होंगे, क्योंकि भाजपा विधायकों के पार्षद बनने से नौ सीटें खाली हो गई हैं। ऐसे में विधायकों को अपना दबदबा बनाए रखने और पार्टी में अपनी स्थिति बेहतर करने के लिए इन सीटों पर दोबारा जीत हासिल करनी होगी। नगर निगम उपचुनावों में विधायकों की साख भी दांव पर होगी।
दो सीटों पर जीत का अंतर बहुत कम रहा
12 नगर निगम सीटों में से एक दिल्ली में AAP की सबसे ज़्यादा अंतर से जीती गई। अली मोहम्मद इकबाल चांदनी महल से 17,134 वोटों से जीते। 2022 के चुनावों में पार्षद के तौर पर सीएम रेखा गुप्ता 7,990 वोटों से जीतीं। दो सीटों पर भाजपा बहुत कम अंतर से जीती। अशोक विहार सीट 156 वोटों से जीती, जबकि संगम विहार ए सीट 389 वोटों से जीती।
2022 में 12 सीटों के नतीजे क्या रहे?
निगम सीट | श्रेणी | विजयी दल | दूसरा स्थान | अंतर (वोट) |
---|---|---|---|---|
मुंडका | जनरल | निर्दलीय | आप | 9,348 |
शालीमार बाग | बी | बीजेपी | आप | 7,990 |
अशोक विहार | - | बीजेपी | आप | 156 |
चांदनी चौक | - | आप | भाजपा | 1,216 |
चांदनी महल | - | आप | कांग्रेस | 17,134 |
द्वारका बी | - | बीजेपी | आप | 6,877 |
ढिचाऊ कलां | - | बीजेपी | आप | 10,447 |
नारायण | - | बीजेपी | आप | 3,740 |
संगम विहार ए | - | बीजेपी | आप | 389 |
दक्षिणपुरी | - | आप | भाजपा | 6,088 |
ग्रेटर कैलाश | - | बीजेपी | आप | 2,674 |
विनोद नागर | - | बीजेपी | आप | 2,311 |
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।