देश में तेजी से बढ़ रहे कैंसर के मामले, विशेषज्ञों ने उर्वरकों के गलत उपयोग को बताया बड़ी वजह
देश में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों ने इसका मुख्य कारण उर्वरकों का गलत इस्तेमाल बताया है। उनका कहना है कि रासायनिक उर्वरकों के अत्य ...और पढ़ें

देश में तेजी से बढ़ रही कैंसर रोगियों की संख्या।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। देश में कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ, एम्स सहित देश के विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी है कि रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग कैंसर को बढ़ावा दे रहा है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डा. संजय राय की अगुआई में जून 2025 में हुए ‘क्राप प्रोटेक्शन कैमिकल्स एंड कैंसर’ विषयक सेमिनार में विशेषज्ञों से इस पर खुलकर चचार् कर पाया था कि रासायनिक उर्वरकों का नियम विरुद्ध अत्यधिक उपयोग मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है।
सलाह दी गई कि अगर नियम अनुसार सही मात्रा, सही समय और सुरक्षा के साथ इसका उपयोग हो तो यह कृषि, कृषक और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित रहेंगे। डा. संजय राय के अनुसार सेमिनार का उद्देश्य किसान, कृषि, विष विज्ञान, सार्वजनिक स्वास्थ्य और कैंसर रोग के अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर फसल लक्षण रसायनों और उनके संभावित कैंसर खतरों पर वैज्ञानिक नियामक और नीति पर विमर्श करना था।
शोध में उर्वरकों व कैंसर के बीच दिखा संबंध
डा. संजय राय ने बताया कि कुछ शोध में उर्वरकों व कैंसर के बीच संबंध दिखा है, जो बताता है कि ‘असली खतरा एक्सपोजर से है। कहाकि, यदि किसान उर्वरक का उपयोग वैज्ञानिक विधि से करें, कम मात्रा में सुरक्षा के अनुसार करें तो यह खतरा बहुत कम रह जाता है।
’बताया कि एम्स में आयोजित सेमिनार में विशेषज्ञों की राय थी कि उर्वरक से डरने की नहीं, बल्कि सही मात्रा व सुरक्षा उपायों के साथ नियमानुसार उसका उपयोग करने की आवश्यकता है। इससे उपज भी बढ़ती है और बीमारी का खतरा भी बहुत कम रहता है।
बताया कि ‘रसायन तभी नुकसान करते हैं जब शरीर में उनका संपर्क बहुत अधिक हो।’ कई बार उर्वरकों के गलत उपयोग से सब्जियों और अनाज में रसायनों के अवशेष बढ़ जाते हैं, जो बीमारी को बढ़ावा देते हैं।
भारत में नए कैंसर के मामले (2020-2025)
| वर्ष | नए मामले |
|---|---|
| 2020 | 1,392,179 |
| 2021 | 1,426,447 |
| 2022 | 1,461,427 |
| 2023 | 1,496,972 |
| 2024 | 1,533,055 |
| 2025 (अनुमानित) | 1,571,000 |

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