पुराने वाहनों को मिली राहत पर CAQM की आपत्ति, SC से आदेश की समीक्षा और BS-III को दायरे से बाहर रखने की सिफारिश
CAQM ने पुराने वाहनों को राहत देने पर आपत्ति जताई है। CAQM ने सुप्रीम कोर्ट से आदेश की समीक्षा करने का आग्रह किया है। BS-III वाहनों को छूट से बाहर रखन ...और पढ़ें

CAQM ने सुप्रीम कोर्ट को अपने 12 अगस्ते के आदेश पर समाक्षा करने किया आग्रह।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एनसीआर में हवा की खराब गुणवत्ता के लिए वाहनों से होने वाले प्रदूषण को एक प्रमुख कारण बताते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन केंद्र (सीएक्यूएम) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से 12 अगस्त के अपने आदेश की समीक्षा करने का आग्रह किया।
इस आदेश में कहा गया था कि राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के मालिकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपायों की मांग वाली याचिका पर सीएक्यूएम ने 300 से अधिक पन्ने का हलफनामा दाखिल किया है।
इसमें कहा कि एनसीआर में खराब वायु गुणवत्ता के लिए वाहन प्रदूषण सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। इसलिए, एनसीआर से जुड़ी राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श में आयोग का मुख्य फोकस वाहन प्रदूषण को कम करना रहता है।
BS-III वाहनों को कोर्ट के आदेश से बाहर रखने की आवश्यकता
आगे का रास्ता सुझाते हुए सीएक्यूएम ने कहा कि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित किया जाना चाहिए। इसके लिए बीएस-III और उससे नीचे के मानकों वाले वाहनों को सुप्रीम कोर्ट के 12 अगस्त के आदेश के दायरे से बाहर रखा जाना आवश्यक है।
इन वाहनों की उत्सर्जन क्षमता की तुलना बीएस-Vढ्ढ उत्सर्जन मानकों से की जानी चाहिए। इसने सुझाव दिया कि एनसीआर से जुड़ी राज्य सरकारें और दिल्ली सरकार वाहन एग्रीगेटरों की नीतियों को शीघ्रता से अधिसूचित करें और अक्टूबर से जनवरी तक सड़क पर शून्य पार्किंग नीति की निगरानी के लिए पोर्टल विकसित करें।
समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।