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    चांदनी चौक में सीलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली फौरी राहत, व्यापारियों ने सरकार का जताया आभार

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 07:56 AM (IST)

    चांदनी चौक में सीलिंग के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों को फौरी राहत दी है। कोर्ट ने एमसीडी ट्रिब्यूनल को लंबित मामलों पर 31 दिसंबर तक फैसला लेने का निर्देश दिया है। सांसद प्रवीन खंडेलवाल और व्यापारी नेताओं ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का आभार जताया है। खंडेलवाल ने कहा कि सीलिंग के मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने के लिए प्रयास किए जाएंगे और जरूरत पड़ने पर जनहित याचिका भी दायर की जाएगी।

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चांदनी चौक में अवैध निर्माण और संपत्तियों के दुरुपयोग को लेकर हो रही सीलिंग पर व्यापारियों को फौरी राहत मिली है। सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी एक्ट के तहत व्यापारियों को मिले अधिकारों को बरकरार रखा है। कोर्ट ने एमसीडी टिब्यूनल को निर्देश दिया है कि इससे संबंधित 62 लंबित अपीलों पर 31 दिसंबर तक निर्णय लें। वहीं, कोर्ट में दिल्ली सरकार भी पहुंच गई है। उसने कोर्ट से मामले में पक्षकार बनाने की याचिका दायर की है।

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    कोर्ट के इस आदेश को व्यापारियों फौरी राहत करार दिया है। चांदनी चौक के स्थानीय सांसद प्रवीन खंडेलवाल के साथ ही व्यापारी नेताओं ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का आभार व्यक्त किया है। सांसद व कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने चांदनी चौक सहित दिल्ली के अन्य हिस्सों में व्यापारियों को प्रभावित कर रहे सीलिंग के मुद्दे पर त्वरित, संवेदनशील और प्रभावी हस्तक्षेप किया है।

    खंडेलवाल ने बताया कि सोमवार को मामले में सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने एमसीडी अधिनियम के तहत व्यापारियों को मिले अधिकारों को बरकरार रखते हुए अपीलीय न्यायाधिकरण को निर्देश दिया है कि वह 62 लंबित अपीलों पर 31 दिसंबर तक मेरिट के आधार पर निर्णय दें। इसमें से कटरा नील के संपत्तियों के सीलिंग का मामला भी शामिल है। माना जा रहा है कि इस आदेश से अब दिसंबर तक सीलिंग की कार्रवाईयों से राहत मिल गई है।

    नील कटरा में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एमसीडी द्वारा सीलिंग की कार्रवाईयों से चिंतित व्यापारियों के मामले में शनिवार को प्रवीन खंडेलवाल ने मुख्यमंत्री से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया था, जिसपर उन्होंने तत्काल व्यापारी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर जमीनी स्थिति को जाना तथा उसके बाद उन्होंने उच्चस्तरीय बैठक में सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष शीघ्रता से रखने का निर्देश दिया। सोमवार को सुनवाई में सरकार की तरफ से अधिवक्ताओं ने भी पक्ष रखा।

    खंडेलवाल ने आगे कहा कि अब सीलिंग के मुद्दे को समग्र और स्थायी समाधान की दिशा में देखा जाना चाहिए। इसे लेकर जल्द वह दिल्ली की प्रमुख व्यापारिक संघों और नेताओं की बैठक बुलाएंगे। इसी तरह, आवश्यक लगने पर, कैट द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका (पीआइएल) भी दायर किया जाएगा। मामले में उन्होंने पुरानी दिल्ली जैसे “विशेष क्षेत्रों” को संरक्षण प्रदान करने वाले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (विशेष उपबंध) अधिनियम की लगातार अनदेखी कर सीलिंग नोटिस व कार्रवाइयां का आरोप लगाया। कहा कि वह इस मुद्दे को आगामी संसदीय सत्र में भी प्रमुखता से उठाएंगे।

    उधर, दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन (डीएचएमए) के महासचिव श्रीभगवान बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मामले में हस्तक्षेप से दिल्ली सरकार के विभाग और एमसीडी सक्रिय हुई और सुप्रीम कोर्ट में व्यापारियों का पक्ष रखा, इसके लिए उनके साथ भाजपा संगठन को व्यापारी धन्यवाद देते हैं, लेकिन जरूरत इसके स्थाई हल की है। वहीं, भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने मामले में व्यापारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जनवरी 2026 तक सभी मामलों का हल निकल जाएगा, लेकिन उसके लिए व्यापारियों को एकजुटता दिखानी होगी।