'पिछली सरकार में छठ पूजा के लिए कृत्रिम घाटों पर भटकते थे पूर्वांचल के भाई-बहन', CM रेखा गुप्ता ने AAP पर बोला हमला
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आईटीओ घाट पर छठ पूजा की और पिछली सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वांचल के लोग कृत्रिम घाटों पर भटकते थे, पर अब यमुना किनारे पूजा कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली को विकसित राजधानी बनाने का आशीर्वाद मांगा। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व संपन्न हुआ, बेहतर इंतजामों से श्रद्धालु खुश दिखे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। फोटो- जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आईटीओ घाट पर मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मईया से दिल्ली की खुशहाली की प्रार्थना की। साथ ही पिछली केजरीवाल सरकार में बदहाली पर उसे आड़े हाथ लिया।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष तक पूर्वांचल के भाई बहन गली मोहल्ले में कृत्रिम घाटों पर छठ पूजा के लिए भटकते थे, इस बार यमुना घाट किनारे यमुना के जल में खड़े होकर सूर्यनारायण को अर्घ्य दे रहे हैं। दिल्ली सीएम ने आगे कहा कि दिल्ली में छठ आयोजनों की चर्चा आज पूरे देश में है। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने सीएम से पूरे पर्व प्रबंधन के लिए तथा यमुना में बेहतर पानी के लिए सराहना की।

मुख्यमंत्री ने छठी मईया से प्रार्थना करते हुए कहा कि वर्षों से दिल्ली मुरझाई हुई थी वर्षों से दिल्ली तकलीफ में थी। छठी मैया दिल्ली के खुशी के दिन लौटा दें। सबके चेहरे पर मुस्कान ला दें। देश को विकसित राष्ट्र के साथ दिल्ली को विकसित राजधानी बनाने का आशीर्वाद दें।
इस मौके पर उनके साथ दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा व कपिल मिश्रा भी रहे। लक्ष्मी नगर के विधायक अभय वर्मा ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने विधायक अभय वर्मा की पत्नी के साथ छठ की पूजा अर्चना की।
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उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ आस्था का महापर्व
रात तीन बजे से ही श्रद्धालु और भक्त घाटों पर पहुंचने लगे थे । घाट पर भक्ति और आस्था हिलोर ले रही थी। अधिकांश लोगों ने घाटों पर ही रात्रि में विश्राम किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का पूरी रात्रि आयोजन होता रहा। बेहतर इंतजामों, यमुना के पानी की गुणवत्ता में सुधार तथा जल में उतरकर पूजा की अनुमति को लेकर श्रद्धालु प्रसन्न दिखे। मंगलवार को भोर में आसमान में बादल मंडरा रहे थे। इसलिए काफी देर तक भगवान भास्कर बादलों की ओट में छुपे रहे। थोड़ा चेहरा दिखाया और प्रकाश फैलाया तो छठ घाट जै छठ मैया के जयकारों से गूंज उठा।

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