दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने भी माना, क्लाउड सीडिंग प्रदूषण की रोकथाम का स्थायी उपाय नहीं
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने माना कि क्लाउड सीडिंग प्रदूषण का स्थायी हल नहीं है, बल्कि गंभीर स्मॉग में राहत दे सकती है। उन्होंने प्रदूषण निगरानी केंद्रों को सुरक्षित बताया और कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए लगातार काम कर रही है। धूल नियंत्रण के लिए टीमें तैनात हैं और एंटी-स्मॉग गन व स्प्रिंकलर का उपयोग किया जा रहा है।
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मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा- क्लाउड सीडिंग प्रदूषण से लड़ने का स्थायी समाधान नहीं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी शुक्रवार को यह माना कि क्लाउड सीडिंग प्रदूषण की रोकथाम का स्थायी उपाय नहीं है। इससे हम तब कुछ हालात सुधार सकते हैं, जब स्माग या एक्यूआइ बहुत ज्यादा हो। उन्हाेंने यह भी कहा कि क्लाउड सीडिंग के ट्रायल से हमने भविष्य में गंभीर हालात से बाहर निकलने का ही रास्ता खोजने की कोशिश की है। उन्होंने एक्यूआइ के आंकड़ों में हेराफेरी के आरोपों के बीच यह भी कहा कि सभी प्रदूषण निगरानी केंद्र 'छेड़छाड़-मुक्त' हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी आप के आरोपों का खंडन कर कहा कि प्रदूषण के आंकड़ों से छेड़छाड़ या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
दिल्ली सचिवालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, सिरसा ने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सभी निगरानी केंद्र छेड़छाड़-मुक्त हैं और उनकी निगरानी सीपीसीबी और सीएक्यूएम द्वारा की जाती है।' उन्होंने कहा, 'दिल्ली सरकार, एमसीडी, डीडीए, डीएसआइआइडीसी, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग दिन-रात काम कर रहे हैं और नतीजे सामने आ रहे हैं। आज वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 218 है, जो इस महीने में कई सालों में सबसे कम है।'
सिरसा ने बताया कि धूल प्रदूषण की निगरानी के लिए 378 टीमें, खुले में कचरा जलाने पर रोक लगाने के लिए 443 टीमें और वाहनों से होने वाले प्रदूषण की निगरानी के लिए 500 से ज़्यादा टीमें तैनात हैं।
मंत्री ने बताया कि लगभग 300 किमी सड़कों की सफाई मैकेनिकल रोड स्वीपर से की जा रही है और 390 एंटी-स्माग गन हैं। उन्होंने बताया कि ऊंची इमारतों पर कुल 91 एंटी-स्माग गन लगाई गई हैं और 280 वाटर स्प्रिंकलर लगाए गए हैं।

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