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    चार राज्यों में सात दिन तक चली छापेमारी, अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम सिंडिकेट से जुड़े 12 अपराधी गिरफ्तार

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 10:12 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध सिंडिकेट से जुड़े 12 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 2.61 करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में छापेमारी कर इन्हें पकड़ा। आरोपियों ने लोगों को झूठे वादे करके फंसाया और उनसे पैसे ऐंठे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में की गई छापेमारी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अंतरराष्ट्रीय साइबर सिंडिकेट से जुड़े 12 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। चार राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में एक सप्ताह तक छापेमारी कर पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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    डिजिटल अरेस्ट और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर आरोपियों ने शिकायतकर्ताओं से 2.61 करोड़ की ठगी की। इनमें डिजिटल अरेस्ट के मामले में आठ और शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले चार आरोपी शामिल हैं। डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक एसीपी अनिल शर्मा, इंस्पेक्टर संदीप सिंह, अशोक कुमार, शिवराम और सुभाष के नेतृत्व पुलिस टीम ने कुल नौ ऑपरेशन चला इन्हें गिरफ्तार किया।

    पहली कार्रवाई पाली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में की गई। इन जगहों से तीन साइबर अपराधी को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इन्हें दक्षिण जिला में रहने वाले केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से सेवानिवृत्त एक सीनियर साइंटिस्ट को डिजिटल अरेस्ट कर 42.49 लाख की ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

    इन्हें राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्थित कई खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया गया। जांच के बाद 7.8 लाख पीड़ित को वापस कर दिया गया। पुलिस टीम को फालना, पाली (राजस्थान) में आरोपियों की गतिविधि का पता चलने के बाद खाताधारक महेंद्र कुमार वैष्णव को गिरफ्तार कर लिया गया,उसके खाते में 8.49 लाख जमा किए गए थे। पूछताछ के बाद विशाल कुमार और श्याम दास को गिरफ्तार किया गया।

    दूसरी कार्रवाई में आगरा से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन्हें शेयर बाजार में निवेश ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। साइबर सेल उत्तर-पश्चिम जिले में सह मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में शिकायतकर्ता के साथ 40.27 लाख की ठगी की गई थी।

    आरोपियों ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से शिकायतकर्ता को शादी और विदेशी मुद्रा व्यापार में उच्च रिटर्न का झूठा वादा करके फंसाया और अंततः दस अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि स्थानांतरित कर दी, जिनका उपयोग जालसाजी और छिपाने के लिए किया गया। जांच के बाद शिकायतकर्ता को 2.49 लाख वापस कर दी गई।

    इस मामले में आगरा से सब्जी विक्रेता देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया। जिसने ठगी की आठ लाख की राशि प्राप्त करने के लिए एक बैंक खाता मुहैया कराया था। देवेंद्र कुमार ने कुबूल किया कि उसने शिवम उर्फ आशु को अपने खाते का विवरण दिया था, जो दंगा, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसे आपराधिक मामलों में शामिल है। एनसीआरपी पर देवेंद्र के खाते से जुड़ी 40 शिकायतें और दो एफआईआर के बारे में पता चला।

    तीसरी कार्रवाई जालंधर में की गई। खाते खोलने में शामिल आरोपित अनिल को गिरफ्तार कर लिया गया। इसपर साउथ दिल्ली के एक बिजनेसमैन से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 26.80 लाख की ठगी करने का आरोप है।

    चौथी कार्रवाई ऊना, हिमाचल प्रदेश में की गई। यहां से नमन पुरी (स्नातक) को ट्राई अधिकारियों और पुलिसकर्मी बनकर डिजिटल अरेस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह मामला 12 सितंबर को साउथ ईस्ट के साइबर सेल में दर्ज किया गया था, जिसमें शिकायतकर्ता से 30 लाख की ठगी की गई थी। मामले में बैंक में जमा 11 लाख फ्रिज करा दिया गया है।

    पांचवीं कार्रवाई मेरठ में की गई। साइबर रोहिणी में दर्ज मामले में मोहम्मद परवेज को गिरफ्तार किया गया है। शिकायतकर्ता एक निजी शिक्षक हैं। उनसे ऑनलाइन निवेश के माध्यम से 33.97 लाख की ठगी की गई। आरोपियों ने जाली दस्तावेज और फर्जी इलेक्ट्राॅनिक रिकार्ड का उपयोग करके शिकायतकर्ता को धनराशि हस्तांतरित करने के लिए प्रेरित किया। बैंक में जमा 1,75 लाख फ्रिज करा लिया गया है।

    छठी कार्रवाई सहारनपुर में की गई। शेयर बाजार निवेश के नाम पर साउथ दिल्ली के बिजनेसमैन से ठगी के आरोप में दीपक सैनी और मुदित अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया। एक आईटी बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत शिकायतकर्ता को शेयर बाजार में निवेश के नाम पर 29.75 लाख की ठगी की गई। आरोपियों ने शिकायतकर्ता को इंस्टाग्राम और वाट्सएप के माध्यम से फंसाया।

    खुद को सेबी-पंजीकृत सलाहकार और मार्गन स्टेनली के अधिकारी के रूप में पेश किया। दीपक सैनी ने स्वीकार किया कि उसने अपना खाता सहारनपुर के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट मुदित अरोड़ा को प्रति लेनदेन 10 प्रतिशत कमीशन पर उपलब्ध कराया था। मुदित अरोड़ा ने इन खातों का विवरण अन्य से साझा किया था।

    सातवीं कार्रवाई कानपुर में हुई। एक निर्माण कंपनी में कार्यरत शिकायतकर्ता से 31 लाख की ठगी के मामले में मेहविश अख्तर को गिरफ्तार किया गया। शेयर बाजार में निवेश के नाम पर उनसे ठगी की गई। आठवीं व नौवीं कार्रवाई उत्तर प्रदेश में की गई।

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