पुलवामा आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप लगा जालसाज ने एटीएस अधिकारी बनकर 9.67 लाख रुपये ठगे
दिल्ली के करोल बाग में एक व्यक्ति को साइबर ठगों ने एटीएस अधिकारी बनकर पुलवामा हमले में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने डिजिटल अरेस्ट कर पीड़ित से 9.67 लाख रुपये ठग लिए। बाद में जमानत के नाम पर और पैसे मांगे गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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एटीएस अधिकारी बनकर शख्स से 9 लाख रुपये से अधिक की ठगी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। साइबर अपराधी नए से नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। हाल ही में करोल बाग में रहने वाले एक व्यक्ति को ठगने के लिए जालसाजों ने ऐसा ही एक नया तरीका अपनाया। दरअसल, 32 वर्षीय मुकुल के मोबाइल पर इसी वर्ष अगस्त माह में एक अज्ञात नंबर से काल आई।
कालर ने खुद को आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) का प्रमुख बताकर उस पर पुलवामा आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप लगाया। इसके बाद बदमाशों ने उनको डिजिटल अरेस्ट कर लिया और बाद में पीड़ित के खाते से 9.67 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
इसके बाद भी आरोपित जमानत के नाम पर चार लाख की डिमांड करने लगे। पीड़ित ने रुपये देने से इनकार किया तो आरोपितों ने फोन बंद कर दिया। इसके बाद पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। मामले की शिकायत पुलिस से की गई। पुलिस ने भी जांच के नाम पर मामले को दो माह तक लटकाकर रखा। अब करीब दो माह बाद करोल बाग थाने में ठगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है।
पीड़ित मुकुल ने बताया कि वह परिवार के साथ गली नंबर-5, करोल बाग इलाके में रहते हैं। 13 अगस्त को उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से काल आई थी। आरोपितों ने पुलवामा हमले में शामिल होने की बात कर उनको बुरी तरह डरा दिया। बाद में आरोपितों ने पीड़ित से कहा कि अब उनको जांच में शामिल होना होगा।
पीड़ित से कहा गया कि इस पूरी प्रक्रिया को बहुत गुप्त रखना होगा। आरोपितों ने पीड़ित से दरवाजा अंदर से लाक कर वीडियो काल से जुड़ने के लिए कहा। आरोपितों ने यहां तक कहा कि वह किसी परिजन को इसकी जानकारी फिलहाल नहीं देगा। इसके बाद अलग-अलग नंबरों से मुकुल से पूछताछ की जाने लगी।
खुद को एटीएस का पुलिस अधिकारी बताने वाले आरोपित ने पीड़ित से कहा कि उसे लखनऊ आकर पूछताछ में शामिल होना पड़ेगा। पीड़ित ने जाने से मना कर दिया। इसके बाद आरोपितों ने पीड़ित के खातों में मौजूद रकम को जांच के लिए अपने खाते में मंगवाने की बात की। आरोपितों ने जो खाता नंबर दिया उसको रिजर्व बैंक आफ इंडिया से अधिकृत बताया।
इसके बाद पीड़ित ने दो अलग-अलग खातों से आरोपितों के बैंक खाते में कुल 9.67 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। बाद में आरोपित जमानत के नाम पर चार लाख रुपये और मांगने लगे। मना करने पर आरोपितों ने काल काट दी। इसके बाद पीड़ित को ठगी का पता चला। बाद में पुलिस को खबर दी गई। अब पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

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