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    DDCA की अपने पदाधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई, पूर्व क्रिकेटर आशु दानी और सुरेंद्र खन्ना को किया बर्खास्त

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 07:37 PM (IST)

    दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) दिल्ली में क्रिकेट गतिविधियों का प्रबंधन करता है। यह युवा क्रिकेटरों को अवसर प्रदान करने और खेल के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। डीडीसीए नियमित रूप से टूर्नामेंट आयोजित करता है, जिससे खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। इसका लक्ष्य दिल्ली को क्रिकेट में अग्रणी बनाना है।

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    डीडीसीए ने आशु दानी और सुरेंद्र खन्ना को पद से किया बर्खास्त।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi and District Cricket Association (DDCA) ने साफ कर दिया है कि किसी भी प्रकार की अनधिकृत या विवादास्पद क्रिकेट गतिविधियों से जुड़ाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    संघ ने पूर्व क्रिकेटर और जूनियर चयन समिति के अध्यक्ष रहे आशु दानी को उनके पद से हटा दिया है। वहीं, पूर्व भारतीय विकेटकीपर व क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य सुरेंद्र खन्ना को भी उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है।

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    डीडीसीए की यह कार्रवाई विवादस्पद इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (आईएचपीएल) टूर्नामेंट में दोनों के शामिल होने के आरोपों के बाद सामने आई है। यह टूर्नामेंट जम्मू-कश्मीर में आयोजित किया गया था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर क्रिस गेल और प्रवीण कुमार जैसे बड़े नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं।

    हालांकि यह लीग अचानक तब विवादों में आ गई, जब आयोजक कथित तौर पर भुगतान किए बिना स्थल छोड़कर फरार हो गए, जिससे कई खिलाड़ी होटल में फंसे रह गए और उनका भुगतान लंबित रह गया।

    सूत्रों के मुताबिक आशु दानी को आईएचपीएल का अध्यक्ष और सुरेंद्र खन्ना को मेंटोर की भूमिका दी गई थी। डीडीसीए ने दानी से पहले इस्तीफा देने को कहा था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया।

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, डीडीसीए ने इस मामले में जीरो टाॅलरेंस पाॅलिसी अपनाई है और किसी भी सदस्य को ऐसे अनधिकृत आयोजनों से जुड़े रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    डीडीसीए ने अपने सभी खिलाड़ियों, कोचों, सहयोगी स्टाफ और मैच अधिकारियों को भी सख्त चेतावनी दी है कि वे किसी भी अनधिकृत या अप्रूव्ड न किए गए टूर्नामेंट, लीग या मैच में भाग न लें। चाहे वह राज्य के भीतर हो या बाहर। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि किसी प्रकार का हितों का टकराव सामने आता है, तो उसे तुरंत उजागर किया जाए।

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