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    क्या दिल्ली में लागू होंगे GRAP-3 के नियम? प्रदूषण को लेकर CAQM ने दिया अपडेट; AQI 370 के पार

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 09:04 PM (IST)

    दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। CAQM ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू करने पर विचार कर रहा है। CAQM का कहना है कि फिलहाल दिल्ली में हवा की गुणवत्ता सुधर रही है, ऐसे में GRAP के नियम लागू नहीं किए जा रहे हैं।

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    दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सीएक्यूएम ने दिया अपडेट।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ। इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने फिलहाल ग्रेप तीन के तहत कड़े प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया।

    दिल्ली का दैनिक औसत एक्यूआइ रविवार सुबह 'बहुत खराब' श्रेणी के उच्च स्तर पर रहने के बाद, सीएक्यूएम की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) उप- समिति ने वायु गुणवत्ता की स्थिति की समीक्षा के लिए शाम को बैठक की। समिति के अनुसार सुबह 10 बजे दिल्ली का प्रति घंटा औसत एक्यूआई 391 था, लेकिन शाम चार बजे तक सुधर कर 370 और शाम पांच बजे 365 हो गया।

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    मौसम विभाग और आइआइटीएम पुणे के पूर्वानुमानों से भी संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में समग्र वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में ही रहने की संभावना है।

    सुधार के रुझान और पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हुए, उप-समिति ने निर्णय लिया कि वर्तमान में ग्रेप के चरण तीन के प्रतिबंधों को लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है। चरण एक और दो के तहत चल रहे उपाय ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जारी रहेंगे। समिति ने यह भी कहा कि वह स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही है और आवश्यकतानुसार वायु गुणवत्ता परिदृश्य की समीक्षा करेगी।

    मालूम हो कि ग्रेप तीन में गैर-ज़रूरी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लग जाएगा। पांचवीं तक की कक्षाओं को हाइब्रिड मोड में स्थानांतरित करना आवश्यक है। अभिभावकों एवं छात्रों के पास जहां भी उपलब्ध हो, ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प है। इसके अलावा दिल्ली और आसपास के एनसीआर जिलों में बीएस तीन पेट्रोल और अीएस चार डीजल कारों (चार पहिया वाहनों) का उपयोग प्रतिबंधित है। विकलांग व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है।

    प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियाें, वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन, धान की पराली जलाने, पटाखों और अन्य स्थानीय प्रदूषण स्रोतों के कारण सर्दियों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का स्तर खतरनाक हो जाता है।