दिल्ली: हवा 'बहुत खराब' से 'गंभीर' स्तर पर, 24 घंटे में AQI 94 अंक बढ़ा; प्रदूषण कम करने की सारी कोशिशें बेनतीजा
दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर हो गया है। पिछले 24 घंटों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में 94 अंकों की वृद्धि हुई है, जिसके कारण हवा 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी में पहुँच गई है। प्रदूषण को कम करने के सभी प्रयास विफल रहे हैं, जिससे स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। बदलती मौसमी परिस्थितियों के बीच बृहस्पतिवार को दिल्ली की हवा ''गंभीर'' श्रेणी के समीप पहुंच गई। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की हवा भी ''बहुत खराब'' से ''गंभीर'' श्रेणी में दर्ज की गई। उधर, एनसीआर के शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर ''खराब'' से ''बहुत खराब'' श्रेणी में बना हुआ है। हाल फिलहाल इस स्थिति में सुधार के भी आसार नहीं लग रहे।
दिल्ली एनसीआर के लोग पिछले कई दिनों से भीषण प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। इस दौरान हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा मानकों से कई गुना तक ज्यादा बनी हुई है। दिल्ली के वातावरण पर स्माग की मोटी परत भी देखने को मिल रही है। सुबह और शाम के समय खासतौर पर प्रदूषण और धुंध छा रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 373 रहा। इस स्तर की हवा को ''बहुत खराब'' श्रेणी में रखा जाता है। यह ''गंभीर'' श्रेणी से सिर्फ 27 अंक कम हैं। एक दिन पूर्व बुधवार को एयर इंडेक्स 279 था। यानी चौबीस घंटे के भीतर इसमें 94 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। शहर के 38 निगरानी केंद्रों में से 37 ने 300 से ऊपर यानी 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता दर्ज की। पीएम 2.5 का स्तर 184.4 जबकि पीएम 10 का स्तर 301.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ।
विशेषज्ञों के मुताबिक राजधानी को घेरने वाला पीला धुआं स्माग है - कोहरे और प्रदूषकों का मिश्रण, जो दृश्यता कम करता है और गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। मौसम विशेषज्ञों ने प्रदूषण में वृद्धि के लिए प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों को जिम्मेदार बताया है, जिनके प्रदूषक तत्व उड़ नहीं पा रहे। स्काईमेट वेदर में मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, 'न्यूनतम तापमान में गिरावट धुंध की परत बनाने में मदद करती है क्योंकि प्रदूषण निचले वायुमंडल में जमा हो जाता है।'
प्रदूषण में वाहनों का धुआं 15.9 जबकि पराली का छह प्रतिशत
आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के अनुसार बृहस्पतिवार को परिवहन क्षेत्र का पीएम 2.5 के स्तर में 15.9 प्रतिशत जबकि पराली जलाने से लगभग छह प्रतिशत का योगदान रहा। 29 अक्टूबर के उपग्रह डेटा ने पंजाब में 283 और हरियाणा में पराली जलाने की 10 घटनाएं दर्ज की हैं।
इसलिए भी बिगड़ी स्थिति
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि शहर का वायु-संचार सूचकांक - जो वायुमंडल की प्रदूषकों को फैलाने की क्षमता का माप है - 6,000 वर्ग मीटर/सेकंड के अनुकूल स्तर से नीचे बना हुआ है। 10 किमी प्रति घंटे से कम की धीमी हवाओं और नमी के उच्च स्तर ने प्रदूषकों को फैलने से रोक दिया। यही वजह है कि आकाश धुंधला रहा। सुबह 7.30 बजे पालम में दृश्यता का स्तर 1,000 मीटर और सफदरजंग में 800 मीटर रिकाॅर्ड किया गया। इस दौरान हवा की स्थिति शांत बताई गई।
बृहस्पतिवार को एनसीआर के शहरों का हाल
| शहर | एक्यूआई | 
| फरीदाबाद | 166 | 
| गुरुग्राम | 248 | 
| गाजियाबाद | 364 | 
| ग्रेटर नोएडा | 330 | 
| नोएडा | 372 | 
दिल्ली के इन इलाकों की हवा रही सबसे खराब
| विवेक विहार | 426 | 
| आनंद विहार | 415 | 
| अशोक विहार | 414 | 
| बवाना | 411 | 
| वज़ीरपुर | 419 | 
| सोनिया विहार | 406 | 
हवाहवाई में भूले जमीनी उपाय
दिल्ली में 15 दिन से विंटर एक्शन प्लान और 17-18 दिन से ग्रेप के प्रतिबंध लागू हैं। लेकिन इनके प्रविधानों व पाबंदियों के क्रियान्वयन को लेकर कहीं कुछ नजर नहीं आता। क्लाउड सीडिंग के चक्कर में न ही कोई समीक्षा बैठक की गई और न किसी कार्रवाई की रिपोर्ट साझा की गई। आलम यह है कि ग्रेप के नियमों की जगह-जगह धज्जियां उड़ते देखी जा सकती हैं।
यह भी पढ़ें- दिल्ली जल बोर्ड का कनेक्शन काटने की धमकी देकर करता था ठगी, बीटेक पास युवक कई राज्यों के ठगों देता था डेटा

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।