Delhi Pollution: फिर बिगड़ी दिल्ली की हवा, सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर रही राजधानी
दिल्ली की वायु गुणवत्ता दो दिनों के सुधार के बाद फिर से खराब हो गई है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ा है। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर है। पीएम 2.5 प्रमुख प्रदूषक बना हुआ है और पराली जलाने का योगदान बढ़ रहा है। पर्यावरण मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
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दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को फिर से बिगड़ गई।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दो दिनों के मामूली सुधार के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को फिर से बिगड़ गई और ''बहुत खराब'' श्रेणी में पहुँच गई। पराली जलाने की वजह से भी वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। जल्द ही इसमें कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
स्विस एप आईक्यू एयर ने सुबह नौ बजे दिल्ली का एक्यूआई 727 दिखाया जोकि ''खतरनाक'' श्रेणी का पर्याय है। जबकि शाम चार बजे यह गिरकर महज 161 रह गया यानी कि ''मध्यम'' श्रेणी में। आइक्यू एयर के आंकड़ों में गुरुवार को देखा गया यह अंतराल अप्रत्याशित रहा।
इसी तरह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह नौ बजे दिल्ली का एक्यूआई 271 यानी कि ''खराब'' श्रेणी में दर्ज हुआ। जबकि प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला 24 घंटे का औसत एक्यूआई 311 रहा, जो ''बहुत खराब'' श्रेणी में रिकार्ड हुआ।
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे स्थान पर रही, जबकि रोहतक 254 शहरों में से 348 के एक्यूआई के साथ ''बहुत खराब'' श्रेणी में शीर्ष पर रहा।
बुधवार को, दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ था और कुल मिलाकर एक्यूआइ 202 दर्ज हुआ, क्योंकि अनुकूल हवा की स्थिति ने प्रदूषकों को तितर-बितर करने में मदद की। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को एक्यूआई 291 और सोमवार को 309 था।
इस बीच, गुरुवार को पीएम 2.5 प्रमुख प्रदूषक बना रहा। सीपीसीबी के समीर एप के अनुसार, राजधानी के 38 निगरानी केंद्रों में से 32 ने वायु गुणवत्ता को ''बहुत खराब'' श्रेणी में दर्ज किया, जिसका स्तर 300 से ऊपर था।
इस बीच, वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के लिए आईआईटीएम पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक गुरुवार को दिल्ली के पीएम 2.5 के स्तर में पराली जलाने का योगदान 21.5 प्रतिशत था, जो शुक्रवार को बढ़कर 36.9 प्रतिशत और शनिवार को 32.4 प्रतिशत हो सकता है, जबकि बुधवार को यह केवल 1.2 प्रतिशत था। उपग्रह डेटा से पता चला है कि बुधवार को पंजाब में पराली जलाने की 94, हरियाणा में 13 और उत्तर प्रदेश में 74 घटनाएं दर्ज की गईं।
पराली जलाने के बाद, परिवहन को दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता माना गया है, जिसकी हिस्सेदारी गुरुवार को 16.2 प्रतिशत रही। शुक्रवार को यह 11.2 प्रतिशत और शनिवार को 12.3 प्रतिशत रह सकती है।
दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के अनुसार, शुक्रवार को शाम और रात के समय उत्तर-पश्चिम दिशा से हवा की गति घटकर 10 किमी प्रति घंटे से नीचे रहने की उम्मीद है। ऐसे में वायु गुणवत्ता ''बहुत खराब'' श्रेणी में ही बने रहने की संभावना है।
दूसरी ओर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को दिल्ली सचिवालय में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी , एमसीडी के डिविजनल कमिश्नर्स और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मंत्री ने सभी 13 प्रदूषण हाटस्पाट की प्रगति रिपोर्ट ली और ज़मीन पर काम करने वाली टीमों को और तेज़ी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़कों की मरम्मत, पानी का छिड़काव, खुले में कचरा जलाने पर रोक, औद्योगिक कचरे के सही निस्तारण और डस्ट कंट्रोल के उपायों पर सख्ती से अमल करने को कहा।

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