ठंड की दस्तक के साथ हवा फिर 'खराब', दिल्ली-एनसीआर में इस सीजन में पहली बार GRAP की पाबंदियां लागू
दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण GRAP-1 लागू कर दिया गया है। AQI 211 दर्ज होने पर CAQM ने यह फैसला लिया। सार्वजनिक परिवहन के उपयोग पर जोर दिया गया है और निजी वाहनों से बचने की सलाह दी गई है। GRAP-1 के तहत निर्माण गतिविधियों, ईंधन के उपयोग और कचरा प्रबंधन पर कई पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनका उद्देश्य प्रदूषण को नियंत्रित करना है।
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दिल्ली में ग्रैप के पहले चरण की पाबंदियां लागू की गईं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हवा की दिशा उत्तर पश्चिमी हो जाने एवं पाकिस्तान से लेकर पंजाब-हरियाणा तक का धूल- धुआं दिल्ली पहुंचने से शहर की वायु गुणवत्ता बिगड़ ही गई। मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 200 पार 211 यानि ''खराब'' श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली के अनेक इलाकों में तो 300 से भी ऊपर ''बहुत खराब'' श्रेणी में दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार एनसीआर के शहरों का भी मंगलवार को यही हाल रहा। फरीदाबाद का एक्यूआई 180, गाजियाबाद का एयर इंडेक्स 261, ग्रेटर नोएडा का 194, गुरुग्राम का 216 और नोएडा का एयर इंडेक्स 251 दर्ज किया गया।
इसी के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की उप समिति ने मंगलवार शाम आपात बैठक की। इस बैठक में ही ग्रेप के पहले चरण की पाबंदियों सहित 27 सूत्रीय एक्शन प्लान लागू करने की घोषणा की गई।
हालांकि उप समिति ने शनिवार को जब एक्यूआइ 199 पहुंचा था, तब भी बैठक की थी और उम्मीद जताई थी कि जल्द ही यह नीचे आ जाएगा। तब ऐसा हुआ भी। लेकिन अब स्थिति पलट गई। मंगलवार को एक्यूआई और बढ़ गया।
उप समिति ने कहा कि पिछले 24 घंटों में वायु गुणवत्ता मापदंडों में अचानक गिरावट आई है। अगले कई दिन यही स्थिति बने रहने के आसार हैं। इसमें और ज्यादा गिरावट न हो, इसी को ध्यान में रखते हुए ग्रेप के पहले चरण की पाबंदियों को कड़ाई से लागू करना अनिवार्य हो गया है।
इस दौरान सड़क किनारे भोजनालयों, होटलों एवं रेस्टोरेंट में लकड़ी व कोयले के इस्तेमाल पर पूर्णतया रोक रहेगी। साथ ही वातावरण में धूल की रोकथाम के लिए स्थानीय निकायों को भी नियमित रूप से कूडा उठाने, सड़कों की नियमित रूप से मशीन से सफाई
करने और पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है। उप समिति ने दिल्ली और एनसीआर की एजेंसियों से सभी पाबंदियों का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है। साथ ही आम लोगों से भी सिटीजन चार्टर पर अमल करने का आग्रह किया है।
क्या है GRAP-1 और इसके तहत प्रतिबंध
GRAP का उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार चरणबद्ध तरीके से उपाय लागू करना है। GRAP-1, जब AQI 201-300 के बीच पहुंचता है, तब लागू किया जाता है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित सख्त प्रतिबंध और उपाय किए जाते हैं।
सड़क और निर्माण गतिविधियां
- सड़कों की नियमित मशीनी सफाई और पानी का छिड़काव अनिवार्य किया गया है।
- निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय, जैसे निर्माण सामग्री को ढंकना और पानी का छिड़काव करना जरूरी होगा।
ईंधन और उद्योग संबंधी पाबंदियां
- होटलों, रेस्तरां और सड़क किनारे के भोजनालयों में कोयले व लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध।
- डीजल जनरेटरों के उपयोग पर भी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर प्रतिबंध लागू रहेगा।
- उद्योगों, ईंट भट्टों और बिजली संयंत्रों को उत्सर्जन नियंत्रण के सख्त मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा।
कचरा प्रबंधन और वाहन नियंत्रण
- खुले में कचरा जलाना (बायोमास बर्निंग) पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके खिलाफ विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
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