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    Delhi Blast: फरीदाबाद में मिला विस्फोटक बना चेतावनी, फिर भी एजेंसियां नाकाम; क्या बचाई जा सकती थी जानें?

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 06:22 AM (IST)

    दिल्ली में हुए विस्फोट से ठीक पहले फरीदाबाद में विस्फोटक मिलना सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी थी, पर वे नाकाम रहीं। इस घटना ने सुरक्षा में बड़ी चूक उजागर की है और जनता की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या विस्फोट में गई जानें बचाई जा सकती थी?

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    लोक नायक अस्पताल के बाहर तैनात दिल्ली पुलिस के जवान। जागरण

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर की पुलिस पिछले कुछ दिनों से आतंकियों की धरपकड़ कर रही थी। इसी कड़ी में फरीदाबाद में सोमवार की दोपहर तक भारी मात्रा में विस्फोटक पकड़ा गया, जो दिल्ली-एनसीआर को दहलाने के लिए लाया जा रहा था, लेकिन इसके बाद भी देश की राजधानी में मौजूद दिल्ली पुलिस के साथ केंद्रीय एजेंसियां इन आहटों को पहचान नहीं पाई।

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    यही वजह है कि साजिश को भी पकड़ने में ये एजेंसियां नाकाम रहीं। जिस तीव्रता का यह धमाका था, वह विस्फोटक की तरफ ही इशारा कर रहा है। ऐसे में आतंकी साजिश से इन्कार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, फोरेंसिक जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस तरह का विस्फोटक था, लेकिन ये तय है कि ये कोई हादसा नहीं है।

    राजधानी में पिछले कुछ समय से आतंकियों की मौजूदगी भी देखी जा रही थी। पिछले सात वर्षों में इस साल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सबसे अधिक आतंकी भी पकड़े हैं।

    10 महीनों में पकड़े गए 25 आतंकी

    इस साल के 10 महीनों में ही स्पेशल सेल ने दिल्ली और अन्य राज्यों से 25 आतंकी पकड़े थे। इनसे पूछताछ में भी पता चला था कि ये दिल्ली को दहलाने की फिराक में थे। एक दिन पहले ही आइबी के इनपुट के आधार पर गुजरात एटीएस ने आइएसआइएस के तीन आतंकियों को दबोचा था। इनसे भी पूछताछ में पता चला था कि ये इन लोगों ने आजादपुर मंडी की रेकी थी, क्योंकि यह भीड़भाड़ वाला इलाका था।

    इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को भीड़भाड़ वाली जगहों को लेकर अलर्ट हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लाल किले के आसपास भी भीड़ रहती है। गिरफ्तार तीन आतंकियों में दो उत्तर प्रदेश और एक हैदराबाद का रहने वाला था। राजधानी में सिर्फ दिल्ली पुलिस नहीं है। बल्कि सभी सुरक्षा एजेंसियों के मुख्यालय हैं। दिल्ली आतंकी मंसूबों के केंद्र में रहती है। इसके बाद भी इस तरह की घटना सुरक्षा एजेंसियों की चूक की तरफ इशारा करती है।

    यह धमाका कई और जानें ले सकता था, लेकिन सोमवार होने के कारण लाल किला लोगों के लिए बंद था। लाल किला खुला रहता तो घटनास्थल पर और भीड़ हो सकती थी। इससे हताहतों की संख्या भी बढ़ सकती थी।

    फरीदाबाद में विस्फोटक मिलने से जुड़ रहे हैं तार

    जम्मू-कश्मीर इंटेलिजेंस की मानें तो फरीदाबाद में विस्फोटक रखे जाने के मामले में उमर नाम के युवक की तलाश है। उसके पास हरियाणा की नंबर की यह आइ-20 कार देखी गई थी। हो सकता है कि कार को उमर ही चला रहा हो और फरीदाबाद में विस्फोटक पकड़े जाने के बाद उसने दिल्ली में उसके पास मौजूद आरडीएक्स का विस्फोट कर दिया हो और ब्लास्ट में उसकी मौत हो गई हो।

    पुलिस अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि कार में तीन लोग सवार थे, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पा रही है।