Delhi Bomb Blast: दो दशक में कई बार दहली दिल्ली, 100 अधिक की हो चुकी है मौत; 500 से ज्यादा हुए जख्मी
दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में हुए धमाके से शहर दहल गया, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई। शुरुआती जांच में आतंकी संबंध नहीं मिले हैं, लेकिन इस घटना ने पुराने बम धमाकों की याद दिला दी है। दिल्ली में पहले भी बाजार, धार्मिक स्थल और सार्वजनिक परिवहन आतंकी गतिविधियों का निशाना रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के बावजूद, यह धमाका सुरक्षा पर सवाल उठाता है।

दिल्ली में लाल किला के पास कार में हुए विस्फोट में लगी आग को बुझाते फायर ब्रिगेड कर्मी। जागरण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली एक बार फिर धमाके से कांप उठी है। शनिवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी कार में हुए विस्फोट से दिल्ली फिर दहल हुई। इस धमाके में आठ लोगों की मौत हो गई।
शुरुआती जांच में कोई आतंकी कड़ी सामने नहीं आई है, पर यह घटना उन भयावह दिनों की याद ताज़ा कर देती है जब दिल्ली में एक के बाद एक बम धमाकों ने आम ज़िंदगी को दहला दिया था।
दिल्ली में कब-कब हुए बम धमाके
- 25 मई 1996: लाजपत नगर सेंट्रल मार्केट में बम विस्फोट में कम-से-कम 16 लोगों की मृत्यु।
- 1 अक्तूबर 1997: सदर बाजार के पास दो विस्फोट में लगभग 30 लोग घायल हुए।
- 10 अक्तूबर 1997: शांतिवन, कौड़िया पुल एवं किंग्सवे कैंप में तीन धमाके में 1 की मौत, 16 घायल।
- 18 अक्तूबर 1997: रानी बाग मार्केट में जुड़वां विस्फोट में 1 की मौत, 23 घायल।
- 26 अक्तूबर 1997: करोल बाग मार्केट में दो विस्फोट में 1 की मौत, 34 घायल।
- 30 नवंबर 1997: लाल किला क्षेत्र में डबल विस्फोट में 3 की मौत, 70 घायल।
- 30 दिसंबर 1997: पंजाबी बाग़ के पास बस में विस्फोट में 4 मरे, 30 घायल।
- 27 फरवरी 2000: पहाड़गंज में धमाके में 8 घायल।
- 16 मार्च 2000: सदर बाज़ार में विस्फोट में 7 घायल।
- 18 जून 2000: रेड फ़ोर्ट के निकट दो शक्तिशाली विस्फोट में 2 की मौत, दर्जनभर घायल।
- 22 मई 2005: लिबर्टी व सत्यं सिनेमा हॉल में विस्फोट में 1 की मौत, 60 घायल।
- 29 अक्तूबर 2005: सारोजिनी नगर, पहाड़गंज, गोविंदपुरी में तीन धमाकों में 59-62 की मौत, 100 से अधिक घायल।
- 14 अप्रैल 2006: जामा मस्जिद परिसर में दो विस्फोट और 14 घायल।
- 13 सितंबर 2008: करोल बाग़, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश-I में पांच धमाकों में 20-30 की मौत, 90+ घायल।
- 27 सितंबर 2008: मेहरौली फ्लावर मार्केट में विस्फोट में तीन की मौत, 23 घायल।
- 25 मई 2011: दिल्ली हाई कोर्ट पार्किंग में विस्फोट में कोई मौत नहीं।
दिल्ली पिछले तीन दशकों में आतंकी गतिविधियों का एक प्रमुख निशाना रही है। बाजार, धार्मिक स्थल, सिनेमा हॉल और सार्वजनिक परिवहन, सब पर कभी-न-कभी हमला हुआ है।
2005 और 2008 के धमाकों के बाद सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया, पर इस बार का लाल किला क्षेत्र में हुआ धमाका राजधानी की सुरक्षा तैयारियों पर नए सिरे से सवाल खड़े करता है।
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