गोवा हादसे के बाद दिल्ली के क्लबों में भी जमकर उड़ रही सुरक्षा मानकों की धज्जियां, पुलिस ने बढ़ाई पेट्रोलिंग
गोवा में हुई दुर्घटना के बाद, दिल्ली के क्लबों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी सामने आई है। पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। कई क्लब सुरक्षा मानकों का पालन नहीं ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गोवा के अरपोरा इलाके में स्थित नाइट क्लब ''बिर्च बाय रोमियो लेन'' में शनिवार रात आग लगने से 25 लोगों की मौत हो जाने की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने राजधानी में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। दरअसल राजधानी के भी नाइट क्लबों व बार में जमकर सुरक्षा मानकों की जमकर अनदेखी होती है।
अधिकतर बार व क्लब बड़े रशूखदार लोगों के होने के कारण पुलिस क्लब व बार संचालकों को कुछ कहने से बचती है। दिल्ली पुलिस की ओर से क्लब व बार खोलने का समय रात एक बजे तक ही निर्धारित है जबकि अधिकतर क्लब व बार स्थानीय थाना पुलिस की मिलीभगत से तड़के तीन से चार बजे तक खुले रहते हैं और वहां तेज आवाज में संगीत बजता है।
क्षमता से दोगुने लोगों को मिलता है प्रवेश
क्लब व बार में 100 लोगों के बैठने की क्षमता के अनुरूप लाइसेंस मिले होते हैं लेकिन वे क्षमता से दोगुने लोगों को प्रवेश देते हैं। क्रिसमस व नए साल पर अब राजधानी के होटलों, क्लब, बार व रेस्तरां में भारी भीड़ जुटेगी जिसे देखते हुए रविवार को पुलिस मुख्यालय से राजधानी के सभी क्लब, बार, रेस्तरां और इवेंट वाले जगहों पर फायर सेफ्टी नियमों का रिव्यू करने व सभी सुरक्षा मानकों की जांच करने को कहा गया है।
मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिला पुलिस ने इंटरटेनमेंट वाले सभी जगहों पर आग से निपटने की तैयारियों व सुरक्षा मानकों की फिर से जांच शुरू कर दी है।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि राजधानी के सभी होटल, पब, नाइट क्लब, बार व रेस्तरां संचालकों को यह पक्का करना होगा कि उनके फायर एक्सटिंग्विशर ठीक से काम कर रहे हैं, बाहर निकलने के रास्ते बिना रुकावट के हों और बिजली के लोड पर नजर रखी जा रही हो।
नियमों से कोई समझौता नहीं
ज्यादा भीड़ वाले जगहों पर रात में इमरजेंसी प्रोटोकाल का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है। सभी को तय नियमों का पालन करना चाहिए ताकि उनकी रात अच्छी और सुरक्षित रहे। होस्ट करने वाले जगहों पर फायर सेफ्टी नियमों का पालन किया जाना चाहिए, इसपर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।
अगर कोई क्लब, बार या रेस्तरां चलाते हैं, तो यह बहुत जरूरी है कि वे फायर सेफ्टी नियमों का पालन करें। सबसे जरूरी यह है कि ज्यादा से ज्यादा एग्ज़िट द्वार हों ताकि लोग किसी भी दुर्घटना के समय आसानी से बाहर निकल सकें। भीड़ कितनी है, इसपर हमेशा नजर रखी जानी चाहिए।
क्रिसमस और न्यू ईयर के लिए तैयारियां तेज
रेस्तरां में बैठने की जगह से ग्राहकों की संख्या कंट्रोल होती है, लेकिन क्लब और बार में लोग अक्सर खड़े रहते हैं। अगर एक जगह पर बहुत ज्यादा लोग जमा हो जाते हैं, तो खाली करने के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति हो सकती है ऐसे में लोगों को वहां सुरक्षित निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। दरवाजे के पास कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए और बाहर निकलने के रास्ते हमेशा साफ रखने चाहिए।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि क्रिसमस व नए साल के मौके पर भीड़ बढ़ने की संभावना के मद्देनजर अभी से पीसीआर व मोटरसाइकिल राइडर्स के अलावा पैदल पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। नाइट क्लबों व बार के बाहर पुलिस बलों की तैनात कर दी गई है।

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