दिल्ली में संविदा पर कार्यरत महिला शिक्षकों को बड़ी राहत, सरकार से पहली बार मिला मातृत्व अवकाश का अधिकार
दिल्ली में शिक्षा विभाग के तहत समग्र शिक्षा योजना के तहत संविदा पर कार्यरत महिला शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। समग्र शिक्षा दिल्ली ने महिला एसटीसी शि ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शिक्षा विभाग के तहत चल रही समग्र शिक्षा योजना में कार्यरत महिला संविदा शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। समग्र शिक्षा दिल्ली ने महिला एसटीसी (स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर) शिक्षकों को मातृत्व अवकाश देने का अहम फैसला लिया है।
यह फैसला मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत लागू किया गया है। अब महिला एसटीसी शिक्षकों को अधिकतम 26 सप्ताह (180 दिन) का मातृत्व अवकाश मिलेगा। इसमें गर्भावस्था से पहले अधिकतम आठ सप्ताह का अवकाश शामिल होगा।
हालांकि, इस सुविधा का लाभ केवल उन्हीं शिक्षिकाओं को मिलेगा जिन्होंने डिलीवरी की संभावित तिथि से पहले 12 माह में कम से कम 80 दिन काम किया हो।
यदि किसी शिक्षिका के पहले से दो या अधिक बच्चे हैं, तो उसे 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलेगा। इसके अलावा, गर्भपात की स्थिति में भी अधिनियम के तहत अवकाश दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
वहीं, अवकाश के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्था बनाई गई है। नजदीकी एसटीसी केंद्रों से पांच से 10 किलोमीटर के दायरे में कार्यरत शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी सीआरसीसी (क्लस्टर रिसोर्ट सेंटर कोऑर्डिनेटर) द्वारा की जाएगी।
सभी जिलों के डीडीई और डीपीओ को निर्देश दिए गए हैं कि मातृत्व अवकाश से जुड़े मामलों का निस्तारण जिला स्तर पर ही किया जाए। किसी भी कानूनी विवाद की स्थिति में मामला समग्र शिक्षा मुख्यालय को भेजा जाएगा। सभी जिलों के डीडीई और डीपीओ को निर्देश दिए गए हैं कि मातृत्व अवकाश से जुड़े मामलों का निस्तारण जिला स्तर पर ही किया जाए।

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