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    दिल्ली में डेंगू से दो मौतें, साल 2025 में 1136 मामले सामने आने पर 'आप' ने एमसीडी को घेरा

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 10:59 PM (IST)

    दिल्ली में डेंगू का प्रकोप जारी है, इस साल दो लोगों की मौत हो चुकी है और 1136 मामले सामने आए हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने एमसीडी पर डेंगू नियंत्रण में विफलता का आरोप लगाया है, जबकि एमसीडी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह सभी आवश्यक कदम उठा रही है। विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में इस साल अब तक डेंगू से दो मौतें दर्ज की गई हैं। एमसीडी द्वारा सोमवार को जारी वेक्टर जनित बीमारियों के आंकड़ों के अनुसार, मृतकों में एक नौ वर्षीय बालक और एक 48 वर्षीय व्यक्ति शामिल हैं। इस बीच डेंगू के आंकड़ों को लेकर आम आदमी पार्टी ने एमसीडी पर झूठे नंबर जारी करने का आरोप लगाया है।

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    हैदरपुर और गोकुलपुरी के हैं मृतक

    अधिकारियों ने बताया कि नौ वर्षीय बच्चा हैदरपुर का रहने वाला था। उसे 22 अगस्त को शालीमार बाग स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डेंगू आक सिंड्रोम के कारण एक दिन के भीतर उसकी मृत्यु हो गई। दूसरी मौत पूर्वोत्तर दिल्ली के गोकुलपुरी के पास मीट नाहर इलाके में रहने वाले व्यक्ति की हुई, जो अक्टूबर के पहले सप्ताह में अस्पताल में भर्ती हुआ था और बहु-अंग विफलता (मल्टी-आर्गन फेल्योर) के कारण उसकी जान चली गई।

    डेंगू के 70 नए मामले सामने आए

    जारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक डेंगू के 1,136 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि विगत तीन माह में डेंगू के मामले में बढ़ोत्तरी रही है।

    अगस्त में 208, सितंबर में 260 तथा अक्टूबर में 377 नए मामले सामने आए हैं। पिछले सप्ताह ही दिल्ली में डेंगू के 70 नए मामले सामने आए हैं।

    अक्टूबर माह में डेंगू के मामले बढ़ने को डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) कर्मियों की हड़ताल से जोड़कर देखा जा सकता है। समान वेतन समेत अन्य मांगों को लेकर डीबीसी कर्मी काम से दूर थे।

    मौतों को ‘कम दिखाने’ का आरोप

    डेंगू के यह आंकड़े जारी होने के बाद विपक्ष के नेता और आप के पार्षद अंकुश नारंग ने एमसीडी पर डेंगू मामलों और मौतों को ‘कम दिखाने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा शासित एमसीडी मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण करने में विफल रही। एक माह से भी अधिक 33 दिन तक डीबीसी की हड़ताल रही और बाद में उन्हें जबरन हटाया गया। इस साल कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट में कई मौतें और मामले शामिल नहीं किए गए हैं।

    एमसीडी का दावा-हड़ताल में भी चल रहा था काम

    एमसीडी अधिकारियों ने बचाव करते हुए कहा कि हड़ताल के दौरान भी क्षेत्रीय कार्य जारी रहा। तब एमटीएस स्टाफ को शिफ्ट में लगाया गया। वैसे भी, फागिंग का काम डीबीसी कर्मियों के बजाय अन्य टीमों द्वारा किया जाता है। एक अधिकारी के अनुसार, पिछले साल, जब पूरा स्टाफ सक्रिय था, तब भी डेंगू से 11 मौतें दर्ज की गई थी। इस मामले पर महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।

    एक नजर आंकड़ों पर

    एमसीडी के अनुसार, इस साल दर्ज इन दो मौतों की तुलना में 2024 में 11 और 2023 में 19 लोगों की मौतें हुई थीं। यह संख्या पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है।

    इस वर्ष अब तक दर्ज डेंगू के 1,136 मामलों की तुलना में पिछले वर्ष 2024 में इस अवधि तक 3,581, वर्ष 2023 में 5,481 और वर्ष 2022 में 2,175 मामले दर्ज हुए थे।

    चिकनगुनिया के मामले में हल्की बढ़ोतरी

    चिकनगुनिया के मामलों में इस बार हल्की बढ़ोतरी देखी गई है। एक नवंबर तक कुल 133 मामले सामने आए, जबकि 2024 में यह संख्या 127 और 2023 में मात्र 29 थी। इस बीच पिछले सप्ताह मलेरिया के 33 नए मामले सामने आए, जिससे इस साल के कुल आंकड़े 623 तक पहुंच गए। पिछले साल यह संख्या 686 तथा वर्ष 2023 में 358 था। एमसीडी के मुताबिक, इस साल मलेरिया से किसी की मौत नहीं हुई है।

    अब तक 3.2 करोड़ घरों की हुई जांच

    एमसीडी अधिकारियों के अनुसार, निगम ने इस वर्ष अब तक 3.2 करोड़ घरों का निरीक्षण किया है, जिनमें से 71,148 घरों का दौरा पिछले सप्ताह किया गया। कुल 30.5 लाख घरों में मच्छरनाशी दवा का छिड़काव किया गया, जिनमें से 1.2 लाख घर पिछले सप्ताह कवर हुए। 2.1 लाख घरों में मच्छरों के प्रजनन स्थल पाए गए।

    जारी हुए 1,43,440 नोटिस

    एमसीडी के अनुसार, इस साल अब तक मच्छर जनित स्थितियों पर 1,43,440 नोटिस जारी किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1,49,405 नोटिस जारी किए गए थे। इस साल 28,028 अभियोजन दर्ज हुए हैं। वहीं, पिछले वर्ष 51,328 और 2022 में 69,847 अभियोजन दर्ज हुए थे। अब तक 6,438 प्रशासनिक चालान जारी किए गए हैं, जिनसे 19.6 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है। पिछले साल 11,646 चालान से 30.6 लाख रुपये वसूले गए थे।

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