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    दिल्ली सरकार का बड़ा कदम: 1,593 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती शुरू, OT और इमरजेंसी सोवाओं में होगा सुधार

    By ANOOP KUMAR SINGHEdited By: Anup Tiwari
    Updated: Fri, 31 Oct 2025 10:15 AM (IST)

    दिल्ली सरकार ने सरकारी अस्पतालों में 1,593 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती शुरू की है। इस कदम से लोक नायक, जीटीबी जैसे अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी दूर होगी। एनेस्थीसिया और स्त्री रोग जैसे विभागों में सुधार होगा। केंद्रीकृत चयन प्रणाली से भर्ती प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक सभी नियुक्तियां पूरी हो जाएं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।

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    दिल्ली में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की भर्ती शुरू।

    जागरण संवाददाता, (अनूप कुमार सिंह) नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजधानी के सरकारी अस्पतालों में लंबे समय से रिक्त पड़े 1,593 सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम न केवल स्वास्थ्य विभाग की वर्षों पुरानी समस्या को दूर करेगा, बल्कि आम नागरिकों को बेहतर इलाज और समय पर चिकित्सा सुविधा दिलाने की दिशा में बड़ा सुधार साबित होगा।

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    दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों लोक नायक अस्पताल, जीटीबी, बाबा साहेब आंबेडकर, दीन दयाल उपाध्याय, बुराड़ी, संजय गांधी मेमोरियल और मौलाना आज़ाद मेडिकल कालेज में सैकड़ों पद वर्षों से खाली थे। अकेले एलएनजेपी में 242 और जीटीबी अस्पताल में 205 पद रिक्त हैं।

    यही कारण है कि आपरेशन थिएटर से लेकर आपातकालीन सेवाओं तक चिकित्सकों की भारी कमी महसूस की जा रही थी। जो काम कर रहे थे उन पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। पिछले दिनों इसी मामले को लेकर जीबी पंत अस्पताल में एक चिकित्सक ने त्यागपत्र तक दे दिया था।

    स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि सबसे ज़्यादा कमी एनेस्थीसिया (270 पद), स्त्री एवं प्रसूति रोग (237 पद), बाल रोग (191 पद) और रेडियोलॉजी (104 पद) जैसे विभागों में है। इन विभागों में नए चिकित्सकों की नियुक्ति से न केवल शल्य क्रियाओं की संख्या बढ़ेगी बल्कि मरीजों की प्रतीक्षा अवधि में भी कमी आएगी।

    सिंगल विंडो सिस्टम से होंगी भर्तियां

    नई भर्ती प्रक्रिया केंद्रीकृत चयन प्रणाली के तहत की जा रही है, जिसकी अध्यक्षता मौलाना आजाद मेडिकल कालेज (एमएएमसी) के डीन करेंगे। इस प्रणाली से चयन प्रक्रिया पारदर्शी, एकीकृत और तेज़ बनेगी। पहले अलग-अलग अस्पताल अपने स्तर पर इंटरव्यू लेते थे, जिससे चयन में देरी और असंगतियां आती थीं। अब सिंगल विंडो सिस्टम से सभी नियुक्तियां की जाएंगी, जिससे समन्वय बेहतर होगा और प्रशासनिक बाधाएं घटेंगी।

    स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि 'यह दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम है। अस्पतालों में निरंतर सेवाएं सुचारु रूप से चल सकें, इसके लिए यह भर्ती अभियान बेहद जरूरी था।'

    रोगियों की देखभाल पर पड़ रहा असर

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि चिकित्सकों की कमी का सीधा असर रोगियों की देखभाल पर पड़ता है। कई विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में ऑपरेशन और उपचार टलते रहे हैं। नए चिकित्सकों की तैनाती से यह समस्या काफी हद तक दूर होगी और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।

    सरकार का लक्ष्य है कि इन सभी नियुक्तियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 के भीतर पूरा किया जाए। इस भर्ती से न केवल चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ेगी बल्कि दिल्लीवासियों के लिए सरकारी अस्पतालों में इलाज का अनुभव भी पहले से कहीं अधिक सहज और भरोसेमंद बन जाएगा।