BJP प्रवक्ता के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई रोक
दिल्ली हाई कोर्ट ने भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यह मामला नाबालिग के यौन उत्पीड़न मामले में प्राथमिकी की प्रति इंटरनेट मीडिया पर साझा करने के आरोप से संबंधित है। कपूर ने आरोप तय करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई 23 मार्च को तय की है।
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दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नाबालिग के यौन उत्पीड़न के मामले में प्राथमिकी प्रति इंटरनेट मीडिया पर साझा करने के आरोप से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की पीठ ने कहा कि प्रवीण शंकर कपूर के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई 23 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक रोक लगाई जाती है। साथ ही अदालत ने प्रवीण शंकर कपूर की याचिका पर नोटिस करते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।
प्रवीण शंकर कपूर ने मामले में उनके खिलाफ आरोप तय करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। कपूर के खिलाफ जून 2021 में पाक्सो एक्ट के तहत हुए यौन उत्पीड़न मामले में प्राथमिकी की प्रति इंटरनेट मीडिया पर साझा करने के आरोप में जांच के घेरे में आए थे। जून 2021 में 42 साल की महिला को एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न करने और उसे धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उसी रात भाजपा प्रवक्ता ने इंटरनेट मीडिया पर प्राथमिकी की प्रति के साथ-साथ आरोपित की तस्वीरें भी पोस्ट की थी। ट्रायल कोर्ट ने कपूर के खिलाफ पाक्सो एक्ट की धारा-23 के तहत आरोप तय किए गए थे। वहीं, प्रवीण शंकर कपूर के अधिवक्ता ने कहा कि प्राथमिकी की प्रति वाला स्क्रीनशाट पढ़ने लायक भी नहीं हैं, और उनमें क्या लिखा है, यह पता लगाना नामुमकिन है। यह भी कहा कि पोस्ट पढ़ने वाला कोई भी व्यक्ति स्क्रीनशाट की डिटेल्स या कंटेंट नहीं जान सकता था।

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