Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'अविवाहित बेटी भी पिता से मांग सकती है गुजारा भत्ता, दूसरी शादी या नौकरी नहीं करने तक पत्नी भी हकदार'

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 08:28 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि बालिग अविवाहित बेटी अपने पिता से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है, जब तक वह अविवाहित है और अपनी कमाई से अपना गुजारा नहीं कर सक ...और पढ़ें

    Hero Image

    विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। अविवाहित बेटी व उसकी मां को गुजारा भत्ता देने के संबंधी पारिवारिक अदालत के निर्णय को चुनौती देने वाली व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है।

    न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि एक बालिग हिंदू बेटी हिंदू दत्तक ग्रहण एवं रखरखाव अधिनियम की धारा- 20 के तहत अपने पिता से गुजारा भत्ता पाने की हकदार है, जब तक वह अविवाहित है और अपनी कमाई से अपना गुजारा नहीं कर सकती।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीठ ने कहा कि बालिग अविवाहित बेटी सीआरपीसी की धारा-125 के तहत पिता से गुजारा भत्ता मांगने के लिए मां के साथ मिलकर संयुक्त आवेदन दाखिल कर सकती है।

    अदालत ने यह टिप्पणी करते हुए पिता की याचिका खारिज कर दी। पारिवारिक अदालत ने बेटी और मां दोनों को अंतरिम गुजारा भत्ता के तौर पर हर महीने 45,000 रुपये देने का आदेश दिया गया था।

    दोनों ने मिलकर गुजारा भत्ता मांगने के लिए एक आवेदन दाखिल किया था। पारिवारिक अदालत ने कहा था कि पत्नी तब तक गुजाजा भत्ता पाने की हकदार होगी, जब तक वह दूसरी शादी नहीं कर लेती या उसे कोई नौकरी नहीं मिल जाती।

    पिता ने बालिग बेटी के गुजारा भत्ता पाने के हक पर कोई विवाद नहीं किया था, लेकिन तर्क दिया कि बालिग बेटी होने के नाते वह सीआरपीसी की धारा 125 के तहत आवेदन दाखिल नहीं कर सकती थी। हालांकि, पिता को राहत देने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा कि पारिवारिक अदालत के आदेश में दखल देने का कोई कारण नहीं बनता है। 

    यह भी पढ़ें- 90 दिन से पहले भी अकाउंट को NPA घोषित कर सकता है बैंक, Canara Bank की याचिका पर दिल्ली HC का अहम फैसला