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    दिल्ली में लापता होने वाले लोगों में 61 फीसदी महिलाएं, रिपोर्ट में और कई खुलासे

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 10:45 PM (IST)

    दिल्ली में लापता होने वाले लोगों में 61% महिलाएं हैं, एक नई रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में पारिवारिक विवाद, प्रेम प्रसंग और आर्थिक तंगी जैसे लापता होने के कारणों का विश्लेषण किया गया है। पुलिस लापता लोगों को ढूंढने के लिए प्रयासरत है। यह आंकड़ा दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है।

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    दिल्ली में लापता होने वाले लोगों में 61% महिलाएं हैं। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली
    इस साल भी दिल्ली में साढे नौ माह में कुल 19,682 लोग लापता हो गए, जिनमें सबसे अधिक 61 प्रतिशत (11,917) महिलाएं हैं। इसके बाद 39 प्रतिशत (7,765) पुरुष हैं। कुल लापता लोगों में से 55 प्रतिशत (10,780) का पता लगा लिया गया है। अधिकतर लोग पारिवारिक कारणों से तंग आकर खुद ही घर छोड़ देते हैं तो कुछ किसी गिरोह के शिकार हो जाते हैं।
    दिल्ली पुलिस के 15 अक्टूबर तक के आंकड़ों को देखा जाए तो लापता लोगों में 25 प्रतिशत (4,854) बच्चे और 75 प्रतिशत (14,828) वयस्क है। आंकड़ों से पता चला कि जिन लोगों का पता लगाया गया उनमें से 31 प्रतिशत (3,337) बच्चे थे और 69 प्रतिशत (7,443) वयस्क थे।
    आंकड़ों से यह भी स्पष्ट होता है कि लापता व्यक्तियों में महिलाएं और लड़कियां सबसे अधिक प्रभावित वर्ग हैं। 4,854 लापता बच्चों में से 72 प्रतिशत (3,509) किशोरी और 28 प्रतिशत (1,345) किशोर थे, जबकि वयस्कों में 57 प्रतिशत (8,408) महिलाएं और 43 प्रतिशत (6,420) पुरुष थे।
    शून्य से आठ वर्ष की आयु के 304 लापता बच्चों में से 41 प्रतिशत (124) लड़कियां और 59 प्रतिशत (180) लड़के थे। आंकड़ों से पता चला कि पुलिस ने 60 प्रतिशत (75) लड़कियों और 51 प्रतिशत (92) लड़कों का पता लगा लिया।
    8 से 12 वर्ष की आयु वर्ग में 383 बच्चे लापता हुए जिनमें 33 प्रतिशत (127) लड़कियां और 67 प्रतिशत (256) लड़के थे। इनमें से 72 प्रतिशत (92) लड़कियां और 76 प्रतिशत (194) लड़के बरामद कर लिए गए।
    सबसे बड़ा और असुरक्षित वर्ग किशोरों का था, जहां 12 से 18 वर्ष की आयु के 4,167 बच्चे लापता हुए, जिनमें 78 प्रतिशत (3,258) लड़कियां और 22 प्रतिशत (909) लड़के थे। पुलिस ने लापता लड़कियों में से 68 प्रतिशत (2,231) और लड़कों में से 72 प्रतिशत (653) का पता लगा लिया।
    आंकड़ों से पता चलता है कि किशोर लड़कियां संख्या और अनुपात दोनों के लिहाज से विशेष रूप से जोखिम में हैं।
    पिछले साल, शहर में 24,893 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी, जिनमें से 59 प्रतिशत (14,752) महिलाएं और लड़कियां थीं। इनमें से 61 प्रतिशत (15,260) का पता लगा लिया गया।
    2015 से 2025 तक के एक दशकीय विश्लेषण से पता चला है कि पिछले दस वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 2.51 लाख लोग लापता हुए, जिनमें 56 प्रतिशत (1,42,037) महिलाएं और 44 प्रतिशत (1,09,737) पुरुष शामिल हैं।
    दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार लापता महिलाओं का अनुपात लगातार बढ़ता जा रहा है। 2023 में, लापता 24,481 व्यक्तियों में से 58 प्रतिशत महिलाएं थीं, जबकि 2022 में, यह आंकड़ा 23,818 लापता व्यक्तियों में से 58 प्रतिशत था, जो लापता व्यक्तियों के मामलों में लगातार लिंग अंतर को दर्शाता है।
    समाप्त:-
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