दिल्ली सरकार ने व्यावसायिक सुरक्षा मसौदा नियमों को किया अधिसूचित, पढ़ें श्रमिकों के लिए क्या है खास?
दिल्ली सरकार ने औद्योगिक गतिविधियों में श्रमिकों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने के लिए व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें नियम, 2025 ...और पढ़ें

श्रम विभाग ने मसौदा नियमों पर सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने खतरनाक और दुर्घटना-प्रवण औद्योगिक गतिविधियों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सुरक्षित कामकाजी माहौल सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य शर्तें नियम, 2025 का मसौदा अधिसूचित किया है। मसौदा नियमों में श्रम आयुक्त की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय दिल्ली व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सलाहकार बोर्ड के गठन और 250 या उससे अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों में सुरक्षा समितियों के गठन का प्रविधान है।
श्रम विभाग ने मसौदा नियमों पर सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं, जिन पर 45 दिनों के बाद सरकार द्वारा विचार किया जाएगा। मसौदा नियमों में कहा गया है कि किसी भी कारखाने और भवन या अन्य निर्माण कार्य का प्रत्येक नियोक्ता प्रत्येक कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से 120 दिनों के भीतर, 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के प्रत्येक श्रमिक की वार्षिक चिकित्सा जांच मुफ्त में करवाएगा।
मसौदा नियमों में बताए अनुसार खतरनाक प्रक्रियाओं वाले उद्योग में प्रत्येक नियोक्ता प्रत्येक कैलेंडर वर्ष की शुरुआत से 30 दिनों के भीतर प्रत्येक श्रमिक की वार्षिक चिकित्सा जांच मुफ्त में करवाने की व्यवस्था करेगा। इसके अलावा किसी भी प्रतिष्ठान में किसी भी कर्मचारी को काम शुरू कराने के समय ही नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा। मसौदा नियमों के तहत किसी भी प्रतिष्ठान में श्रमिक के साथ कोई दुर्घटना होने पर समय पर उसकर जानकारी श्रम अधिकारी को देगा।
मसौदा नियमों के अनुसार दिल्ली सरकार दिल्ली व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सलाहकार बोर्ड का गठन करेगी। बोर्ड के सदस्यों में श्रम विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली स्वास्थ्य सेवाएं विभाग के अधिकारियों के अलावा कर्मचारियों के दो प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मसौदा नियमों में दैनिक और साप्ताहिक काम के घंटे, वेतन और ओवरटाइम भुगतान सहित काम की शर्तें भी बताई गई हैं। जिसके तहत प्रत्येक कर्मचारी के लिए साप्ताहिक काम के घंटे 48 घंटे से ज़्यादा नहीं होंगे।
किसी प्रतिष्ठान में वयस्क कर्मचारियों के काम की अवधि, जिसमें अंतराल और स्प्रेड-ओवर शामिल हैं, सरकार द्वारा अधिसूचना के माध्यम से तय की जाएगी। किसी भी कर्मचारी को साल की किसी भी तिमाही में 144 घंटे से ज़्यादा ओवरटाइम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी दिन ओवरटाइम की गणना करते समय, 15 और 30 मिनट के बीच के घंटे के एक हिस्से को 30 मिनट गिना जाएगा, और 30 मिनट से ज़्यादा होने पर इसे वास्तविक आधार पर एक घंटे तक राउंड आफ किया जाएगा।

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