ऑफिस टाइमिंग बदलने से लेकर पार्किंग फीस बढ़ाने तक, प्रदूषण से जंग में कितनी तैयार दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार सर्दियों में प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार है। कार्यालय समय में बदलाव और पार्किंग शुल्क में वृद्धि जैसे कदम उठाए गए हैं। सरकार सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपायों को लागू करने पर भी ध्यान दे रही है, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से जंग जारी। जागरण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह AQI बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 8 बजे दिल्ली का समग्र AQI 350 के पार रहा। दोपहर 3 बजे तक बवाना की हवा की स्थिती सबसे खराब रही, जहां AQI 400 से भी ज्यादा दर्ज किया गया, जबकि द्वारका में हवा की गुणवत्ता भी चिंताजनक स्थिती में रही।
लगातार बिगड़ती वायु स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में कई अहम कदम फैसले लिए हैं, जिससे दिल्लीवासियों को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें प्रदूषण की मार से राहत मिलेगी।
ऑफिसों के समय में बदलाव
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार और नगर निगम के कार्यालयों के कामकाज के समय में बदलाव किया जा रहा है। इस कदम का उद्देश्य सड़कों पर एक साथ बढ़ने वाले ट्रैफिक दबाव को कम करना है। फिलहाल दिल्ली सरकार के दफ्तर सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक और नगर निगम के दफ्तर 9 बजे से 5:30 बजे तक चलते हैं।
केवल आधे घंटे के अंतर से सुबह और शाम के समय जाम की स्थिति बन जाती है। अब इन समयों में अधिक अंतर रखने की योजना है ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या घटाई जा सके।
पार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने नई दिल्ली क्षेत्र में पार्किंग शुल्क दोगुना करने का निर्णय लिया है। आदेश के अनुसार, यह बढ़ोतरी ग्रैप के दूसरे चरण की समाप्ति तक जारी रहेगी। हालांकि यह नियम सड़क पर पार्किंग करने वालों या मासिक पास धारकों पर लागू नहीं होगा। अब चार पहिया वाहनों के लिए 40 रुपए प्रति घंटा, दो पहिया वाहनों के लिए 20 रुपए प्रति घंटा और बसों के लिए 300 रुपए प्रति घंटा शुल्क देना होगा।
गैर-बीएस-III वाहनों की एंट्री पर रोक
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 1 नवंबर से दिल्ली में पंजीकृत नहीं किए गए बीएस-III और उससे नीचे के सभी माल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह निर्णय प्रदूषण घटाने और वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। आदेश के मुताबिक, जो हल्के, मध्यम और भारी माल वाहन बीएस-IV मानक पर खरे नहीं उतरते और दिल्ली में पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें अब राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।



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